गीता सार

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गीता सार गीता में लीखा है, निराश मत होना, कमजोर तू नहीं, तेरा वक्त है ॥ जो हुआ वह अच्छा हुआ । जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है । जो होगा, वह भी अच्छा होगा । तुम्हारा क्या गया, जो तुम रो रहे हो ? तुम क्या लाये थे, जो तुमने खो दिया ? तुमने क्या पैदा किया, जो नष्ट हो गया ? तुमने जो लिया , यही से लिया जो दिया, यही पर दिया जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का था, कल किसी और का होगा. परिवर्तन ही संसार का नियम है ।। श्री कृष्ण बताते है,