मुकम्मल अधूरेपन की एक अतृप्त सच्ची झूठी गाथा।

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कहने को तो समय के साथ कई कहानियां कही जाती हैं, लेकिन कई कहानियों का अधूरापन समय की तमाम कोशिशों के बाद भी खाली ही रह जाता है। प्रमित किसी कहानी का एक बिम्ब मात्र नहीं है। वह जीवन का, वह हिस्सा है, जहां लौटकर जाने के लिए शायद एक पूरा जीवन काफी ना हो। और फिर लौटकर जाने के लिए निराशा और दर्द के ना जाने कितने समंदरों को पार करना पड़े, कोई नहीं जानता। प्रमित जीवन के उस हिस्से का वो धुंधला पहलू है, जिसके जह्न में खामोशी और खुद को तबाह करने के ना जाने कितने सैलाब