खट्टर काका - हरिमोहन झा

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कहते हैं कि समय से पहले और किस्मत से ज़्यादा कभी कुछ नहीं मिलता। हम कितना भी प्रयास...कितना भी उद्यम कर लें लेकिन होनी...हो कर ही रहती है। ऐसा ही इस बार मेरे साथ हुआ जब मुझे प्रसिद्ध लेखक हरिमोहन झा जी द्वारा लिखित किताब "खट्टर काका" पढ़ने को मिली। इस उपन्यास को वैसे मैंने सात आठ महीने पहले अमेज़न से मँगवा तो लिया था लेकिन जाने क्यों हर बार मैं खुद ही इसकी उपस्तिथि को एक तरह से नकारता तो नहीं लेकिन हाँ...नज़रंदाज़ ज़रूर करता रहा। बार बार ये किताब अन्य किताबों को खंगालते वक्त स्वयं मेरे हाथ में