किसी ने नहीं सुना - 17

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किसी ने नहीं सुना -प्रदीप श्रीवास्तव भाग 17 अरे! भाभी जी इन लोगों ने लिमिट क्रॉस कर दी है ऑॅिफ़स हॉवर में ही जाने कहां घंटों बिताकर आ जाते हैं। भाभी जी आपको यकीन न हो तो जब मैं कहूं तो आ जाइए सब दिखा देता हूं। ऐसी तमाम बातें सुनती तो मैं अंदर ही अंदर रो पड़ती, खीझ जाती। मगर संभाले रहती खुद को। वह इतनी आत्मीयता से बातें करता कि मेरे मन में उसके लिए सम्मान उभर आया। उसकी बातों ने एक बार मुझे इतना भावुक कर दिया कि मैंने रिक्वेस्ट करते हुए कहा, ‘‘भइया किसी तरह उस