किसी ने नहीं सुना - 19

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किसी ने नहीं सुना -प्रदीप श्रीवास्तव भाग 19 मेरा सस्पेंशन और उसका कंफर्मेंशन रुकना अपने आप में इस ऑफ़िस की पहली घटना थी। और उससे भी ज़्यादा यह कि मेरा सस्पेंशन चौथे दिन न सिर्फ़ खत्म हो गया बल्कि पांचवें दिन ही संस्पेंड करने वाले बॉस ने ही बुला कर प्रमोशन लेटर भी थमा दिया। इस आर्श्चयजनक घटना पर खुशी व्यक्त करने वालों में लतखोरी लाल सबसे आगे था। उसके दोगलेपन पर मैं भीतर-भीतर कुढ़ा जा रहा था। मगर साथ ही मन में नीला के भाई को धन्यवाद भी देता जा रहा था। पक्षताता हूं आज इस बात पर कि