किसी ने नहीं सुना - 20

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किसी ने नहीं सुना -प्रदीप श्रीवास्तव भाग 20 मुझे अंदर भाग कर नीला को बताने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी वह पहले ही सब सुनकर भाई को फ़ोन लगा चुकी थी। भाई ने इंस्पेक्टर से बात कराने को कहा तो उसने बहुत घुड़कियां देते हुए मुश्किल से बात की, ‘थाने तो लेकर जाना ही पड़ेगा। रेप का मामला है उसे मारने की कोशिश भी की गई है चोट के निशान हैं उसकी बॉडी पर। सॉरी यह नहीं हो सकता मैं इन्हें ले जा रहा हूं।’ नीला रोने लगी। वह हक्का-बक्का कभी मुझे तो कभी पुलिस को देखती, शोर सुनकर बच्चे