नव प्रभात

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जिंदगी के आसमान में खुशियों के पंख लगाकर वह उन्मुक्त परिंदे की मानिंद उड़ान भर रही थी कि किस्मत ने अचानक उसके पंख काटकर उसे हकीकत के पथरीले उजड़े जमीन पर पटक दिया। नैना तीन भाइयों से बड़ी अपने माता पिता की इकलौती बेटी थी।बचपन के 5-6 वर्ष तो थोड़ी कठिनाई में बीतेे थे,परन्तु उसके बाद उसे जििंदगी की हर सुुुख सुविधा उपलब्ध हुई। नैना एवं उसके भाई पिता के क्रोधी स्वभाव के कारण उनसे बेहद डरते थे, कििन्तु उनकी माँ ने उन्हें अपनी ममता के आँचल तले छिपाकर बड़े स्नेह से पाला। नैना के प्रति अनुराग थोड़ा अधिक