दह--शत - 4

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दह--शत [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] एपीसोड -4 एक दिन अनुभा नहाकर सूर्यमंत्र पढ़ते हुए सूरज को जल चढ़ा रही है केवल अपने आउटहाऊस के दरवाज़े पर खड़ा बहुत ध्यान से उसे देख रहा है उसकी पूजा समाप्त होने पर कहता है, “ आँटी ! आप पानी क्यों बर्बाद कर रही हो? गामड़ा में तो पानी नहीं है तो आप पानी क्यों डोल (गिरा) रही हो? ” वह उसकी बात से झेंप जाती है सूरज को जल चढ़ाना बंद कर देती है। पर्यावरण जागरण के अध्यायों ने आज बाई के बेटे को भी पानी की बर्बादी की चिंता लगा दी है।