समंदर और सफेद गुलाब - 1 - 1

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समंदर और सफेद गुलाब पहला दिन 1 शताब्दी टे्रन को मैंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया और मैट्रो टे्रन लेने के लिए मैट्रो स्टेशन की तरफ बढऩे लगा। ट्रॉली बैग को पहियों पर घसीटता हुआ मैट्रो की ओर बढ़ गया। बीच-बीच में बैग को उठाने की भी जरूरत पड़ती और मैं उसे झट से उठा लेता, कभी फिर से उसे पहियों के बल घसीटता हुआ आगे को निकल जाता। मुझेे पता ही नहीं चला कि कब मैं मैट्रो स्टेशन में दाखिल हो गया। वहां हर तरफ रास्ता दर्शाने के लिए तीरों के निशान (ऐरो साइन) लगे हुए थे।