अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - भाग 24

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अबतक आप ने पढ़ाव्यापारी अपनी पत्नी के साथ अपने परिवार के बीच पहुंचता है। आगे...अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - भाग 24हाँ भी और ना भी अतीत की यात्रा पूरी कर मैं अपने परिवार में वापस लौटा तो एक जलपरी, एक मत्स्यकन्या, पत्नि मेरे के रूप में मेरे साथ थी। मैं रोमांचित था कि मेरी इतनी बड़ी उपलब्धि पर मैं न केवल अपने घर में, अपितु सारे शहर में ही प्रशंसा का पात्र बनूंगा। किंतु... अपने घर पहुंचकर मैं हैरान था। यह मेरा घर है? टूटी फूटी जर्जर सी यह हवेली मेरा घर नहीं हो सकती। मैंने अपने पीछे