भदूकड़ा - 58 - अंतिम भाग

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दोनों बहनें पहले रक्षाबंधन पर गांव आती थीं , दो-चार दिन आराम से बीतते उनके फिर कुंती की बड़बड़ाहट और फिर सीधे-सीधे तानों से त्रस्त हो के महीने भर की जगह, आठ दिन में ही वापस चली जातीं। फिर धीरे-धीरे उनका आना, कम होते होते बन्द ही हो गया। अब बस शादी ब्याह में ही आती थीं सिया-मैथिली, वो भी दो दिन के लिए। अपनी गाड़ी से आईं, और उसी से वापस। आज पता नहीं क्यों, कुंती को सिया की बहुत याद आ रही थी। सिया और कुंती की उम्र में केवल दस साल का ही तो फ़र्क़ है। सिया