दशानन का शिव भवन

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शिवपुराण का एक प्रसंग हैदशानन जो रावण के नाम से प्रचलित हुआ, वह एक बहुत बड़ा वास्तु शास्त्री था और उतना ही बड़ा शिवभक्त भी था।शिवजीने खुद उसे सबसे बड़े भक्त होने का वरदान दिया था।उसका मानना है कि सभी भक्त शिवजी से कुछ मांगने आते हैं पर उन्हें देने कोई नहीं आता। विद्वान ऋषिओं ने उसे बहुत समझाया की शिव को किसी भी सेवा व वस्तु की आवश्यकता नहीं। शिव बैरागी हैं और उन्हें केवल भक्त की भक्ति से संतुष्टि मिलती है।पर उसे शिव को कुछ देने की बड़ी इच्छा थी। उन्हें अपने भाई कुबेर से पता चला कि