हारा हुआ आदमी (भाग9)

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निशा का मोबाइल नंबर तो उसने लिया नही था।नंबर होता तो फोन कर देता।फिर क्या करे?उसने पत्र लिखने का फैसला किया।लेकिन उसने उसका पता भी नही लिया था।वह याद करने लगा,जो उसने बताया था।और उसे उसके साथ उस दिन हुई बाते याद आ गई।और उसने निशा के बताय पते पर एक पत्र डालदिया।नवंबर आधा बीत चुका था।दिन अभी भी गर्म थे, लेेकिन राते ठंडी होने लगी थी।देवेन शतााब्दी से आगरा पहुँचा था।ट्रेन प्लेटफ़ॉर्म पर रुकते ही लोोग चढ़ने उतरने लगे।देेेवेन ट्रेेेन से उतर कर स्टेेशन के बाहर आया था।वह टैक्सी की तरफ बढ़ रहा था तभी"देेवेेेनमधुुुर नारी स्वर उसके कान