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Hara hua aadmi by Kishanlal Sharma | Read Hindi Best Novels and Download PDF

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हारा हुआ आदमी by Kishanlal Sharma in Hindi
Novels

हारा हुआ आदमी - Novels

by Kishanlal Sharma Matrubharti Verified in Hindi Fiction Stories

(201)
  • 114.3k

  • 319.6k

  • 30

जनवरीआज का दिन बेहद ठंंडा था।पिछले दो दिनो से शीत लहर चल रही थी।आसमान बादलो से ढका हुआ था।आज भी सूर्य देवता के दर्शन नही हुए थे।कल रात बरसात हुई थी।बरसात की वजह से आज का दिन और ज्यादा ...Read Moreहो गया था।टन टन---कालेज का घंटा लगातार बज रहा था।नििशा हििंदी की लेकचरार थी।उसका पहला पीरियड कमरा नम्बर पॉच मे पडता था।उसे बीए प्रथम वर्ष की कलास लेनीी पडती थी।निशा तीस साल की थी।पर दििखने मे चालीस की लगती थी।उसके सिर के कुछ बालो से सफेदी झलकने लगी थीऔऱ चेहरेे से गंंभीरता।निशा धीरे धीरे चलकर अपने कलास के पास पहुंची

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हारा हुआ आदमी - Novels

हारा हुआ आदमी
जनवरीआज का दिन बेहद ठंंडा था।पिछले दो दिनो से शीत लहर चल रही थी।आसमान बादलो से ढका हुआ था।आज भी सूर्य देवता के दर्शन नही हुए थे।कल रात बरसात हुई थी।बरसात की वजह से आज का दिन और ज्यादा ...Read Moreहो गया था।टन टन---कालेज का घंटा लगातार बज रहा था।नििशा हििंदी की लेकचरार थी।उसका पहला पीरियड कमरा नम्बर पॉच मे पडता था।उसे बीए प्रथम वर्ष की कलास लेनीी पडती थी।निशा तीस साल की थी।पर दििखने मे चालीस की लगती थी।उसके सिर के कुछ बालो से सफेदी झलकने लगी थीऔऱ चेहरेे से गंंभीरता।निशा धीरे धीरे चलकर अपने कलास के पास पहुंची
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हारा हुआ आदमी - 2
"मेरी प्यारी निशा।तुमने आज का अखबार पढा?"नर्मदा अखबार पढ रही थी।अखबार से नजरें हटाकर सामने बैठी निशा को देखते हुए बोली।"मै अखबार सुबह ही पढ लेती हूूं।"निशा बोली," कया कोई खास खबर है?"इसका मतलब तूने अखबार ध्यान से नही ...Read Moreचहकते हुए बोोली"आज के अखबार मे तेरे लिए खास खबर है"।नर्मदा, नििशा की हम उम्र थी।वह शोख,चंंंल औऱ हंसमुख स्वभाव की थी।इसलिए दोनो मे खूब पटती थी।किसी तरह का लुकाव छुपाव दोनो के बीच मे नहीं था।दोनों एक दूसरे के सुुख दुख की साथी थी।नर्मदा मजाक केे मूड मे होती, तब निशा को ऐसे ही बुुुलाती थी।निशा,नर्मदा की आदत से
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हारा हुआ आदमी - 3
"आज हमारी राशि जरूर सच होगी।"नर्मदा चहकते हुए बोली,"मेरा ही नही, आज तेरा भी पति से मिलन जरूर होगा।"निशा ने नर्मदा की बात पर ध्यान नही दिया औऱ चुपचाप घर की तरफ चल पडी।वह अपने फलेट के पास पहुंची, ...Read Moreउसकी नजर मालती पर पडी थी।इतनी ठंड मे वह बाहर बैठकर सब्जी कयो काट रही है?गोरी चिटटी औऱ तीखे नैन नकश की मालती भरी जवानी.मे विधवा हो गई थी।उसके दो बच्चे थे।उससें शादी करने को कई लोग तैयार थे,लेकिन उसके बच्चों को कोई अपनाना नही चाहता था।बच्चों के भविष्य को ध्यान मे रखते हुए उसने पुर्नविवाह नही किया था।वह ज्यादा
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हारा हुआ आदमी - 4
निशा गुस्से मे जो मन मे आया बकने लगी।निशा की बातें सुनकर देवेेन की गर्दन शर्म से नीचे झुक गई।जुुुुबान तालूू से चिपककर रह गई।निशा कीबातों का जवाब देेेने के लिए, उसका मुंहनहीं खुुुला।निशा का ...Read Moreगोरा चेहरा गुस्से मे तमतमाए तवे सा सु,र्ख लाल हो गया। गूस्ससे मे उसकी सॉसे तेज चलने लगी। उसकी ऑखो से चिंगारी निकलने लगी।बोलते बोलते अचानक वह चुुुप हो गई।देवेन अपराधी बना उसके सामने खडा था।कुुुक्ष क्षण की चुुप्पी के बाद वह फिर बोोली,"मै तुम जैसे चरित्रहीन औऱ गिरे हुए आदमी के साथ एक पल भी नही रहना चाहती।मेरी आवाज सुनकर पडोसी आये।उससे पहले मेरी
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हारा हुआ आदमी - 5
0बस्ती पहुचने पर उसने सूटकेस कलॉकरूम मे जमा कराया था।फिर वह कालेज पहुंचा।ऑफिस से निशा के घर.का पता लिया था।देवेन,निशा से घर पर ही मिलना चाहता था।इसलिए निशा के फलेट पर चला आया था।डोरबेल बजाने पर दरवाजा मालती ने ...Read Moreथा।"किससे मिलना है, आपको?"मालती ने पूछा था।"निशा से।""मैडम कॉलेज गई है।दो बजे लौटेगी।अगर आपको मिलना है,तो कॉलेज चले जाये।"मालती ने देवेन को निशा के बारे मे बताया था"मुझे निशा से घर पर ही मिलना है।"मालती की बात सुनकर देवेन, निशा से बोला था।जब मालती के कहने पर भी देवेन कॉलेज नहीं गया, तब मालती ने उसे कमरे मे बैठा दिया
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हारा हुआ आदमी(भाग 6)
और कुछ देर बाद,इंजन की सिटी के साथ ट्रेन प्लेटफार्म से सरकने लगी थी।धीरे धीरे स्टेशन पीछे छूट गया।ट्रेन की रफ्तार बढ़ने लगी थी। देवेन खिड़की के पास बैठा था।वह बाहर की तरफ झांकने लगा।तभी कंंडक्टर ...Read Moreगया।उसने टिकट निकाल कर दिया।वह टीकट चेक करके चला गया था।देवेन फिर खििड़की के बाहर देखने लगा। ट्रेन गति पकड़ चुकी थी।शहर पीछे छूट गया ।ट्रेेेन नदी नालो को पार करती,आगे बढ़ी जा रही थी।देवेंन कि आंखे बाहर का दृश्य देख रही थी।लेकिन उसके कानों में निशा के शब्द ही गूंज रहे थे।"तुम्हे पत्नी नहीं सिर्फ एक अदद नारी शरीर चाहिए।तुम
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हारा हुआ आदमी (भाग 7)
देवेन जब भी आगरा आता इसी होटल में ठहरता था।इसलिए होटल का स्टाफ उसे जानता था।"आज इस समय पेपर की। क्या ज़रूरत पड़ गई?"रीता उसे पेेेपर देते हुए बोली।"कौन कौन सी पिकचर चल रही है?"देेेवेन पिक्चर के ...Read Moreदेखने लगा।जोश पिक्चर पर आकर उसकी नजर ठहर गई।देवेन ने अखबार वापस कर दिया।"कौनसी पिक्चर देखने जा रहेे हो?"रीता ने पूछा था।"जोश,"देवेन बोला,"तुम भी चलो।"" मैं कैसे चल सकती हूँ।मैं ड्यूटी पर हूँ।नही तो आपके साथ चलती।"ओके।अगली बार।"देवेन होटल से बाहर आकर ऑटो में बैठ गया। ऑटो एम जी रोड़ पर गया।हर रंग,हर वर्ग के लोग आ जा रहे थे।जगह जगह रुकता
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हारा हुआ आदमी - (भाग 8)
ठंडा पीकर वे हाल में वापस आ गए थे।पर्दे पर पिक्चर शुरू हो गई।उस दौरान दोनों के बीच कोई बात नही हुई थी।पिक्चर समाप्त होनेे पर वे हाल से बाहर आ गए।देवेन की नज़र रेस्टोरेंट पर पड़ी।वह अपने साथ ...Read Moreरही लड़की से बोला,"अगर आपको ऐतराज न हो,तो कॉफी पी जाएं।"और वह देवेंंन के साथ आ गयी थी।देेेवेेेन ने कॉफी का आर्डर दे दिया था।" मेरा नाम देवेन है,"अपना परिचय देते हुए वह बोला,"आपका नाम जान सकता हूँ।"" निशा।""आप क्या करती है?""मैं टीचर हूँ।""सच मे?""आपको शक क्यो है"?"देेखने में आप कॉलेज गर्ल लग रही है।""लेेकिन में टीचर ही हूँ।""रहती कन्हा
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हारा हुआ आदमी (भाग9)
निशा का मोबाइल नंबर तो उसने लिया नही था।नंबर होता तो फोन कर देता।फिर क्या करे?उसने पत्र लिखने का फैसला किया।लेकिन उसने उसका पता भी नही लिया था।वह याद करने लगा,जो उसने बताया था।और उसे उसके साथ उस दिन ...Read Moreबाते याद आ गई।और उसने निशा के बताय पते पर एक पत्र डालदिया।नवंबर आधा बीत चुका था।दिन अभी भी गर्म थे, लेेकिन राते ठंडी होने लगी थी।देवेन शतााब्दी से आगरा पहुँचा था।ट्रेन प्लेटफ़ॉर्म पर रुकते ही लोोग चढ़ने उतरने लगे।देेेवेन ट्रेेेन से उतर कर स्टेेशन के बाहर आया था।वह टैक्सी की तरफ बढ़ रहा था तभी"देेवेेेनमधुुुर नारी स्वर उसके कान
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हारा हुआ आदमी(भाग 10)
"असली है न?""एकदम असली माल है""गुल्लू पहलवान की दुकान से लाया हूँ।"रिक्शेवाले शारीरिक श्रम करते है।सवारी बैठाकर रिक्शा खींचना मेहनत का काम है।शारीरिक श्रम करने वालो को पौष्टिक आहार दूध,दही,फल आदि चीजे खानी चाहिए।लेकिन ये लोग शराब,गांजा जैसी नशीली ...Read Moreहानिकारक चीजो का सेवन करते है। अचानक एक बस उसके सामने आकर रुकी,तो उसकी विचार श्रखला टूटी थी।बस में से कई सवारी उतरी थी।सबसे अंत मे निशा उतरी थी।लाल रंग के सलवार कुर्ते में निशा बेहद सुंदर लग रही थी।"लो मैं आ गयी।अब क्या प्रोग्राम है?"निशा,देवेन के करीब आते हुए बोली।"चलो चलते है।"देवेन और निशा साथ साथ चलने लगे।सदर बाजार आगरा
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हारा हुआ आदमी(भाग 11)
"जी नही"देवेन बोला,"ज्यादा खाना सोना आपकी सुंदरता में ग्रहण लगा सकता है।""फिर क्या करूँ?""आपकी छुट्टी है और मैं भी फ्री हूँ।कही घूमने चलते है।""कहा?""ताजमहल चलते है।""वैसे तो कई बार देखा है।लेकिन आपका मन है,तो चलते है।"वेटर काफी ले आया ...Read Moreडिस्को संगीत बज रहा था।उसके पूरा होते ही रफी के गाने बजने लगे थे।"तेरी आँखों के सिवारफी का मशहूर गीतदेवेन भी निशा की आंखों का दीवाना था।निशा की आंखे उसकी सुंदरता में चार चांद लगाती थी।उसकी आँखों मे जबरदस्त कशिश थी।बोलती आंखे।मानो पास बुला रही हो।उस गाने को सुनकर देवेन निशा की आंखों में खो गया था।मानो स्वप्निल दुनिया में
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हारा हुआ आदमी(भाग12)
इसे निहारने के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक देश विदेश से आते है।जो भी आगरा आता है, ताजमहल जरूर देखना चाहता है।देवेन और निशा के पीछे एक फोटोग्राफर लग गया"नही भईदेवेन ने बडी मुश्किल से उससे पीछा छुडाया ...Read Moreभी भीड थी।विदेशी पर्यटकों के साथ गाइड था जो उन्हें ताजमहल का इतिहास बता रहा था।अंदर से ताज महल देखकर निशा और देवेन बाहर आ गए।निशा बोली,"शरद पूर्णिमा में चांदनी रात में इसकी छटा देखने लायक होती है।इस रात को ताज के दीदार के लिए लोग दूर दूर से आते है।""कभी अवसर मिला तो रात को ज़रूर देखंगे।"देवेन और निशा
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हारा हुआ आदमी(भाग 13)
निशा ने उसके प्रस्ताव को ठुकरा दिया तो?अगर उसने देवेन से शादी करने से इनकार कर दिया तो?देवेन, निशा के मुंह से ना नही सुनना चाहता था।निशा,देवेन के इतने करीब आ चुकी थी कि वह उसे किसी भी ...Read Moreमें खोना नही चाहता था।देवेन ऐसा कुछ नही करना चाहता था, जिस्से निशा के। दिल को ठेस लगें।अजीब उलझन थी।कहे तो नाराज़ी का डर।लेकिन कहे बिना चारा नही था।आज भी याद है उसे वो दिन।वो दिन बहुत सुहाना था।आकाश साफ था।ठंडी हवा चल रही थी,जो इस बात का संकेत थी कि कही आस पास बरसात हुई थी।देवेन और निशा सिकन्दरा घूमने
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हारा हुआ आदमी(भाग14)
उसके बाद निशा अपनी मां को देवेन के आगरा आने पर सब बातें बताने लगी।माया खुश थी।अगर निशा खुद ही किसी को पसंद कर ले तो उसे क्या ऐतराज हो सकता था।निशा आज देवेन को साथ घर लायी ...Read Moreउसे खुशी हुई थी।वह तो सोच रहा था,उसे नििशा की माँ केेओ अपने बारे मेें सब कुुुछ बताना पड़ेगा,लेकिन निशा ने पहले ही सब कुुुछ बता रखा था।यह बात पता चलने। पर देवेन ने निशा की तरफ देखा था। निशा के चेहरे पर शरारत भरी मुस्कान थी।उसने जीभ निकाल कर देवेन को चिढ़ाया था।वह भी कुछ ऐसा ही करना चाहता
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हारा हुआ आदमी (भाग15)
"लो बेटा,"राम लाल बेटे को गोद मे उठा लेता।माँ बाप की छत्र छाया में देवेन के दिन हंसी खुशी गुज़र रहे थे।राम लाल और लीला दोनो ही अपने बेटे को बहुत प्यार करते थे।लेकिन देवेन के नसीब में माँ ...Read Moreका प्यार नही लिखा था।एक दिन लीला रोज की तरह देवेन को स्कूल बस मे बैठाने के लिए सड़क तक गई थी।उसे बस में बैठाने से पहले बोली,"स्कूल से लोटो, तब शीला आंटी से चाबी ले लेना।कपड़े बदलकर खाना खा लेना।""आप कही जा रही है?"देवेन ने अपनी मां से पूछा था।"मैं और तेरे पापा गाज़ियाबाद जा रहे है।शाम को लौट
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हारा हुआ आदमी(भाग 16)
"लौट आये"।दुर्गा साड़ी के पल्लू से हाथ पोंछती हुई आयी थी।दुर्गा मझले कद और भारी भरकम शरीर की औरत थी।"बेटा यह तुम्हारी चाची है"।मोहन ने देवेन को बताया था।"नमस्ते आंटी"।देवेन ने हाथ जोड़कर नमस्ते की थी।"खुश रहो"।दुर्गा ने ...Read Moreनज़रों से देवेन को देखा था।"हुआ क्या था?"दुर्गा ने पति से पूछा था।"भाई साहब और भाभी गाज़ियाबाद गए थे।लौटते समय बस का एक्सीडेंट- - - -मोहन ने पत्नी को समाचार सुनाते हुए बोला,"देवेन उनका एकलौता बेटा था।अब इसके लिए दिल्ली में क्या रखा था,"इसे मैं ले आया।अब यह यही रहेगा"। पति से पूरे समाचार सुनने के बाद दुर्गा ने कोई प्रतिक्रिया नही
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हारा हुआ आदमी (भाग17)
मोहन पत्नी की बाते सुन लेता तो उसे डांटता।उसे समझाता।पर व्यर्थ।दुर्गा पर पति की डांट या प्यार से समझाने का कोई असर नही पड़ता था।देवेन चाची से दूर दूर रहने का ही प्रयास करता था।इसलिए स्कूल से आकर खाना ...Read Moreके बाद चाचा के पास दुकान पर चला जाता।समय रुकता नही।समय का चक्र अपनी गति से घूमता रहता है।देवेन साल दर साल अगली क्लास में चढ़ता गया।मोहन, िदेवेन के बारे में सोचने लगा।बारहवीं पास करने के बाद उसे क्या कराया जाए।लेकिन मोहन सोचता उससे पहले हार्ट अटक से मोहन कज मौत हो गई।चाचा की मौत से देवेन को गहरा धक्का
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हारा हुआ आदमी (भाग 18)
"लौट जाओ।वापस अपने घर चले जाओ।सब परेशान होंगे घर मे" उस लडजे ने देवेन को समझाया था,"तुम्हारे पिता तुम्हे ढूंढ रहे होंगे।माँ ने रो रोकर बुरा हाल कर रखा होगा।तुम माँ बाप की पीड़ा का अंदाज नही लगा ...Read Moreलड़के की बात सुनकर देवेन रोने लगा।देवेन को रोता देखकर वह लड़का उसे चुप कराते हुए बोला,"क्या बात है?तुम रो क्यो रहे हो?"उस लड़के की बात सुनकर देवेन अपने अतीत को याद करते हुए बोला,"मेरे माँ बाप को गुजरे हुए सालो हो गए।उनके गुजरने के बाद रिश्ते के चाचा ने मुझे सहारा दिया।चाची को मैं बिल्कुल पसंद नही था।वह मुझे नही
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हारा हुआ आदमी (भाग 19)
बी एस सी पास करने के बाद उसने एक मेडिकल कंपनी में एम "आर की नौकरी कर ली।"और अब मैं एम आर के रूप में आपके सामने हू।"उसने माया के सामने अपने अतीत के पन्ने खोल कर रख दिये।"सचमुच ...Read Moreमेहनती हो ।निशा तुम्हारी बहुत तारीफ करती है"।उसका अतीत जानकर माया बोली थी।"आज आपसे मुलाकात हो गई।""मैं सोचती थी।मैं अकेली औरत कैसे निशा के लिए लड़का ढूंढूंगी।लेकिन भगवान बहुत दयालु है।मुझे लड़का ढूंढने के लिए जरा भी भागदौड़ नहीं करनी पड़ी।मुझे निशा के योग लड़का घर बैठे ही मिल गया।""मैं भी कम भाग्यशाली नही हूँ।निशा जैसी सुशील सूंदर लड़की मुझे
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हारा हुआ आदमी (भाग20)
बारात दरवाजे पर आ पहुंची।देवेन के दोस्त बैंड की धुनों पर नाच रहे थे।देवेन घोड़ी पर बैठा था।निशा की सहेलिया बारात देखकर अंदर चली गई थी।"तूूम्हारा दूल्हा तूूम्हे लेने आ ही गया।"गीता नेे निशा की ...Read Moreउठाकर उसकी आँखों में आंखे डालकर देेखा था।"घर आया मेरा। और लड़कियां गाने लगी।" अरे तुम्हहै कुुुछ होश। भी है।"माया कमरे में चली आयी। लड़कियों की मस्ती और उछल कूद देखकर उन्हें टोका था।"क्या हुआ आंटी?"लड़कियां मस्ती करते हुए ही बोली।"दूल्हा दरवाजे पर खड़ा है।निशा को वरमाला के लिए ले चलो।"माया चली गई।निशा की सहेलिया उसे दरवाजे पर ले गई।सामने देवेन दूल्हा बना
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हारा हुआ आदमी (भाग21)
"निशा भी?"उसने अपने आप से सवाल पूछा था।"मन से तो वह पहले ही तुम्हारी हो चुकी है।आज तन से भी तुम्हारी हो जाएगी?""सच?"अपने दिल कि बात सुनकर देवेन का चेहरा गुलाब सा खिल उठा।उसने सेंट की शीशी उठायी और ...Read Moreकपड़ों पर स्प्रे कर लिया।उसने अपने बालों को सँवारा और फिर चल दिया।रमेश की पत्नी रूपा और सुरेश की पत्नी सविता ने सुहागकक्ष को गुलाब,मोगरा और चमेली के फूलों से सजाया था।देवेन को देखकर रूपा बोली,"दुल्हन कब से दूल्हे राजा के इन्तजार मे पलके बिछाय बैठी है।और तुम्हे अब फुरसत मिली है।""आ तो गए।हमारी बहन फूलो सी नाजुक है।आज की
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हारा हुआ आदमी (भाग22)
"नही मानोगे?""कभी नही"देवेन ने फिर से निशा के अधरों को चूमना चाहा तो निशा ने अपना हाथ आगे रख लिया।"नही ऐसे नही।""तो फिर कैसे?""देवेन ने पूछा था।"पहले लाइट ऑफ करो।"निशा नज़रे नीची करके बोली थी।"क्यो?"देवेन ने निशा से प्रश्न ...Read Moreथा।"मुझे शर्म लग रही है।"निशा नज़रे झुकाकर बोली थी""शर्म लेकिंन किस से",देवेन चारो तरफ देखते हुए बोला,"कमरे में सिर्फ मैं ही हूँ"।फिर शर्म किस से?""तुमसे।""शर्म लग रही है और मुझसे?"निशा की बात सुनकर देवेन हंसा था।"हंस क्यो रहे हो?"देवेन को हंसता देखकर निशा बोली थी।"माई स्वीट हर्ट।बात हंसने की ही है।हमारी रानी हमसे ही शर्मा रही है। देवेन ने फिर
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हारा हुआ आदमी(भाग 23)
"यह लो।""थैंक्स।"और दोनों चाय पीने लगे।। चाय पीने केे बाद निशा पलँग से उठते हुुुए बोली, अपना घर तो दिखाओ""मेरा नही।अब यह घर तुम्हारा है।""मेरा क्यो?""घर तो तभी बनता है,जब औरत आती है।बिना ...Read Moreजिंदगी खाना बदोस है।""मेरा नही हम दोनों का है,"निशा बोली,"घर देख लू।फिर साफ सफाई ,खाना आदि काम भी है।""अभी हाथो की मेहंदी छुटी भी नही और काम।अभी रहने दो,कुछ दिन।""मैं रहने दूंगी तो कौन करेगा काम।""एक ही रात मे औरत कितनी बदल जाती है।वह अपनी जिम्मेदारी समझने लगती है,"देवेन, निशा की प्रशंसा करते हुए बोला,"अभी कुछ दिन रहने दो।अभी तुम्हे दिल्ली घुमानी है।फिर रात की
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हारा हुआ आदमी(भाग 24)
और निशा दरवाजा खोलकर चाय ले आयी।देवेन को जगाते हुए बोली,"चाय पी लो।""चाय रहने दो।कितनी अच्छी नींद आ रही है।सोने दो और तुम भी सो जाओ।""अब सोने का समय नही है।यंहा हम सोने नही घूमने के लिए आये है।"देवेन ...Read Moreनही चाहता था,लेकिन निशा ने उसे जबरदस्ती उठा दिया।देवेन और निशा होटल से निकले तब सूर्य की किरणें माउंट की वादियों में अपने पैर पसार रही थी।सर्दियों के मौसम में कम ही सैलानी यहां आते है,लेकिन गर्मियी में बड़ी संख्या में लोग आते है।सर्दियों के मौसम में रात और भी ज्यादा ठंडी हो जाती है।सुबह कि गुनगुनी धूप शरीर को
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हारा हुआ आदमी (भाग 25)
ढलता सूरज आग के लाल गोले से प्रतीत हो रहा था।पल पल आसमान का दृश्य बदल रहा था।धीरे धीरे आकाश का रंग सुर्ख लाल हो रहा था।धीरे धीरे सूरज पहाड़ियों की ओट में नीचे सरक रहा था।और धीरे धीरे ...Read Moreपहाड़ियों की ओट में लोप हो गया।और सूर्यास्त के बाद लोग लौटने लगे।देवेन भी निशा का हाथ पकड़कर चल पड़ा।शाम अंतिम सांस ले रही थी।आसमान से अंधेरे की परतें धरती पर उतरने लगी थी।देवेन और निशा धीरे धीरे टहलते हुए होटल वापस आ गए थे।डिनर लेकर वे नक्की झील ओर आ गए थे।आसमान में काले बादल मंडराने लगे थे।चांद भी
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हारा हुआ आदमी (भाग 26)
"चाय,"निशा ने पति को जगाया था।"अरे चाय बना लायी?सब सामान किचन में मिल गया तुम्हे?"मिल गया तभी तो चाय बनाई है""आज मुझे ऑफिस जाना है।"चाय की चुस्की लेते हुए देवेन बोला।चाय पीकर निशा किचन में चली गई।देवेन बाथरूम में ...Read Moreगया।निशा ने सफाई करके सब सामान तरीके से जमाया था।देवेन बाथरूम से निकला तब निशा ने पूछा था,"वापस कब आओगे?""बस प्रोग्राम पता करके आता हूँ।"निशा ब्रेड,मख्खन और चाय ले आयी। देवेन नाश्ता करके चला गया।पति के जाने के बाद निशा घर की सफाई में लग गई।शादी से पहले देवेन अकेला रहता था।वह ज्यादातर खाना होटल में खाता था।फिर भी उसने
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हारा हुआ आदमी (भाग27)
दिन में निशा बिस्तर पर पड़ी करवटे बदलती रहती।पर उसे नींद नही आती।नींद की भी एक सीमा होती है।आखिर आदमी कब तक और कितना सो सकता है।घर मे अखबार और मैगज़ीन्स आती थी।निशा पढ़कर मन बहलाने का प्रयास करती।लेकिन ...Read Moreदेर उसका मन पढ़ने में नही लगता।कुछ देर पढ़ने के बाद ही वह बोरियत महसूस करने लगती।वह रेडियो पर गाने सुनकर बोरियत दूर भगाने का प्रयास करती।लेकिन उन गानों को बार बार कब तक सुने।टी वी पर सीरियल का समय होने पर वह टीवी चलाती।लेकिन उसमें भी मन नही लगता।बिस्तर पर लेटे लेटे उसकी कमर दर्द करने लगती।तब वह बिस्तर
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हारा हुआ आदमी (भाग 28)
"तुम्हारा बाहर जाना मुझे अच्छा नही लगता"निशा रोते हुए बोली।"क्यों?देवेन प्यार से निशा के गाल थपथपाते हुए बोला।"अकेले मेरा मन नही लगता।बोर हो जाती हूं।अकेली"।"तो यह बात है।डार्लिंग मेरी नौकरी ही ऐसी है।"देवेन ने पत्नी को गोद मे उठा ...Read Moreही बताओ अगर बाहर नही जाऊंगा तो काम कैसे चलेगा?""तुम कोई दूसरी नौकरी क्यों नही कर लेते।""दूसरी नौकरी।"देवेन पत्नी की बात सुनकर हंसा था।"हंस क्यों रहे हो?"पति को हंसता देखकर निशा बोली थी"बात हंसने की ही है।आजकल नौकरी मिलना इतना आसान नही है।""मुश्किल है लेकिन असम्भव नही।"निशा बोली,"नेगेटिव सोच मत रखो।गीता का ज्ञान याद रखो।कर्म करो।फल की चिंता नही।""मेरी प्यारी
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हारा हुआ आदमी (भाग 29)
बैंक में नौकरी लगने पर सबसे ज्यादा खुसी देवेन की पत्नी निशा को हुई थी। पहले देवेन का टूरिंग जॉब था।वह महीने में बीस दिन दिल्ली से बाहर ही रहता था।पति के बाहर चले जाने पर निशा ...Read Moreपास कोई काम नही रहता।उसके पास समय ही समय था।वह सींचती इस समय को कैसे काटे अब पति की दिल्ली में ही बैंक में नौकरी लग गई थी। अब उसे समय का अभाव लगने लगा।सुबह उठते ही निशा काम मे लग जाती।पति साढ़े नो बजे घर से निकलता था।वह पहले चाय बनाती फिर पति को उठाती थी।फिर दोनों साथ बैठकर चाय पीते।देवेन
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हारा हुआ आदमी (भाग30)
"तभी मुझे बताना नही चाहती।"देवेन पत्नी के चेहरे को देखने लगा"मुझे शर्म आती है।"निशा ने शर्माकर अपनी गर्दन नीचे झुका ली।"शर्म और मुझसे?अपने पति से शर्म,"देवेन पत्नी के चेहरे को देखजर हंसते हुए बोला,"ऐसी कौनसी बात है जो जानेमन ...Read Moreकहते हुए शरमा रही हैं।""है एक बात।"निशा नज़रे झुकाये हुए ही बोली थी।"तब तो मैं जरूर सुनूंगा,"देवेन पत्नी को बांहो में भरते हुए बोला,"सुस्पेंस पैदा मत करो।जल्दी से बता दो।""तुम---निशा ने कहने के लिए अपना मुंह खोला था लेकिन उसकी जुबान लड़ खड़ा गई।उसका चेहरा अजीब सा हो गया।"अरे तुम तो बताने से ऐसे घबरा रही हो।मानो चोरी करते हुए
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हारा हुआ आदमी (भाग31)
देवेन ने शालीनता से मना कर दिया था।देवेन पत्नी को डॉ निर्मला के पास ले गया था।वह पहले मेडिकल रिप्रजेंटेटिव था।डॉ निर्मला से उसका अच्छा परिचय था।डॉ निर्मला ने निशा का अच्छी तरह चेकअप किया।फिर कुछ दवा लिखते ...Read Moreबोली,"खुराक का ध्यान रखे और नियमित चेक कराते रहे।"देवेन खुद पत्नी का ध्यान रखने लगा।वह उसके लिए फल लाता।अपने हाथों से दवा और फल देता।हर महीने डॉ निर्मला के पास चेकअप के लिए ले जाता।और धीरे धीरे दिन गुज़रने लगे।एक दिन देवेन बैंक से लौटा।घर मैं कॉलोनी की कुछ औरते थी।वह अंदर पहुंचकर बोला,"क्या हुआ?निशा पलंग पर लेटी थी।"लेबर पेन।अस्पताल ले
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हारा हुआ आदमी (भाग32)
"झूंठ।"निशा बोली,"तुम पर।"" गलत।तुम पर। आँख, नाक सब तुम पर,"देवेंेेबोला,"इसका नाम क्या रखोगी?""अभी नही सोचा।""सोच लो।""अच्छा,"निशा पलके बन्द करके सोचने लगी।देवेन आंखे बंद करके लेटी अपनी पत्नी को निहारने लगा।इस समय वह कितनी सूंदर लग रही थी।साक्षात ...Read Moreदेर के बाद आंखे खोलकर वह बोली,"सोच लिया।""सोच लिया?""हां।""तो बताओ""बता दूं।""हां।बताओ।"""राहुल कैसा रहेगा?"निशा ने बताया था।"अच्छा है,"देवेन बच्चे के गाल को छूते हुए बोला,"बेटा राहुल कैसे हो?"वे लोग बाते कर रहे थे।तभी नर्स दवा की ट्रे लेकर आई थी।ट्रे मेज पर रखते हुए वह बोली,"इंजेक्शन लगाना है।अब आप कुछ देर के लिए बाहर चले जाइये।" देवेन प्यार भरी नज़र पत्नी पर डालते हुए
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हारा हुआ आदमी (भाग 33)
देवेन ने प्रश्नसूचक नज़रो से पत्नी को देखा था।"अब हम दो नही रहे।तुम बाप बन चुके होो।ऐसी हरकत करोगे तो बेटे पर क्या असर पड़ेगा,"पति की पकड़ से निकलते हुए ...Read More निशा बोली।"तुम भी कमाल करती हो यार।अभी से बेटे का डर दिखा रही हो।अभी तो वह बहुत छोटा है।""अभी छोटा है।लेकिन अपनी आदते अभी से बदलने का प्रयास करो।"जो हुक्म सरकार"और देवेन चला गया था।निशा पहले सुबह जल्दी नहा लेती थी।लेकिन अब बेटा हो जाने पर ऐसा नही हो पाता था।राहुल सुबह जल्दी उठ जाता।कुछ देर उसे खिलाती।अपना दूध पिलाती।फिर पति से कहती,"अब इसे तुम सम्हालो।मुझे काम करना
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हारा हुआ आदमी (भाग 34)
"गीता मेरी सहेली।मेरे साथ ही टीचर थी।"",तुम्हारी सहेली की शादी है।अच्छा समाचार है,"देवेन चाय पीते हुए बोला,"तो तुम आगरा कब जाओगी?""मैं आगरा अपनी सहेली की शादी में अकेली नही जाऊंगी।""मैं कब झ रहा हूँ,तुम अकेली जाओगी?हमारा बेटा राहुल भी ...Read Moreसाथ जाएगा।""राहुल ही नही।राहुल के पापा भी मेरे साथ जाएंगे।""तुम्हारी सहेली की शादी है।मैं क्या करूँगा वहां जाकर।""गीता ने अपनी शादी मे तुम्हे भी बुलाया है।उसने फोन करके मुझे बोला है,जीजाजी को साथ ज़रूर लाना।"मुझे साथ लाने के लिए कहा है।लेकिन मैंने तो तुम्हारी सहेली को देखा भी नही है।मैं उसे जानता भी नही।फिर वह मुझे क्यो बुलाएगी?""गीता तुम्हे जानती
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हारा हुआ आदमी (भाग 35)
"क्या तुमने मुझे --/"सॉरी निशा को गम्भीर होता देखकर देवेन ने उससे माफी मांगी थी।निशा को भी पति के व्यवहार से ऐसा लगा वह भी उस बात को गम्भीरता से ले गई।वह भी अपने को सामान्य बनाते हुए बोली,"मजाक ...Read Moreचलना है।""निशा मैं तो वहाँ किसी को जानता भी नही।वहां मैं अकेला बोर हो जाऊंगा।""मुझे तो रात में रुकना पड़ेगा।लेकिन तुम घर लौट आना।,और पत्नी के कहने पर उसे उसके साथ जाना पड़ा था।देवेन और निशा शादी वाले दिन ताज एक्सप्रेस से आगरा पहुंचे थे।वे ऑटो करके घर पहुंचे थे।"अरे तुम लोग आज आये हो?"माया,देवेन और निशा को देखते ही
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हारा हुआ आदमी (भाग 36)
"दीदी आप आ गयी?"निशा को देखते ही रमेश ने नमस्ते की और देवेन के पैर छुए थे।"नन्हा मुन्ना भी आया है,"रमेश निशा की गोद से राहुल को लेते हुए बोला,"दीदी आपने इसका नाम क्या रखा है?"राहुल",निशा बोली,"गीता कहाँ है?""अंदर ...Read Moreआपको कई दिनों से याद कर रही है।मैं रोज आपके घर जा रहा था।आज भी गया था।""हां।मम्मी ने मुझे बताया था।""मैं आंटी से कहकर आया था,आपको भेज दे।""नहीं कहते तो भी आती।""दीदी मैं जानता था।पर हमारी दीदी को कौन समझाए,"रमेश बोला,"अंदर चलो।,घर के बाहर टेंट और बिजली वाले काम कर रहे थे।मेटाडोर से कुर्सियां उतारकर नीचे रखी जा रही थी।"दीदी
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हारा हुआ आदमी (भाग 37)
देवेन, निशा और गीता चाय पीने लगे।राहुल निशा की गोद मे सो गया था। जब वे चाय पयु चुके तब रमेश बोला,"दीदी मैं जीजाजी को अपने साथ ले जाता हूँ।""हां ले जाओ।"देवेन रमेश के साथ चला गया। रमेश और ...Read Moreजल्दी ही एक दूसरे से घुल मिल गए थे।।रमेश शादी के काम मे व्यस्त था।देवेन भी उसका हाथ बंटाने लगा।सर्दी के मौसम में दिन छोटे और राते लम्बी होती है।शाम जल्दी ढल जाती हैजल्दी अंधेरा ही जाता है।पांच बजे बाद ही अंधेरे की परतें धरती पर उतरने लगती है।छः बजे से पहले ही चारो तरफ अंधेरे का साम्राज्य हो गया
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हारा हुआ आदमी (भाग38)
रमेश,देवेन से बाते कर रहा था तभी किसी ने उसे पुकारा था।रमेश चला गया।"राहुुुल कहां है?"देवेंन ने पत्नी सेे पूछा था।"अंदर सो रहा है।"निशा बोली।"तुम सुबह अकेली आ जाओगी या मैं लेने आऊं?""अरे नही।तुम्हे आने की ज़रूरत नहीं ...Read Moreओला करके आ जाऊंगी।""सर्दी का मौसम है।अपना औऱ राहुल का ख्याल रखना"और देवेन बाहर सड़क पर आ गया।आखरी शो अभी नही छुटा था। उसने एक ऑटो किया और उसमें बैठ गया।आसमान मे बादल छाए थे।रह रह कर बिजली की चमक और गर्जना सुनाई पड़ रही थी।बरसात का पूरा अंदेसा था। दोपहर तक आसमान साफ था।अचानक मौसम में परिवर्तन आया था।ठंडी हवा चल
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हारा हुआ आदमी (भाग 39)
"आप?"आवाज को सुनकार देवेन चोंका था।निशा उसकी पत्नी की मम्मी माया उसके बिस्तर में?न जाने कब वह उसके बिस्तर पर आ गयी थी।उसने कभी स्वप्न मे भी नही सोचा था कि एक दिन ऐसा भी हो सकता है।"आप। ...Read Moreइस वक़्त ---देवेन के मुह से आवाज नही निकल रही थी।""मुझे यहां देखकर इतना चोंका क्यो रहे हो?ऐसी क्या बात है?"माया ऐसे बोली थी,मानो यह बहुत साधारण बात हो।देवेन, माया को अपने बिस्तर पर देखकर घबराया लेकिन माया बिल्कुल विचलित नही हुई।वह सहज सरल स्वर में बोली,"मैं भी एक औरत हूं.""मैं कब इस बात से इनकार कर रहा हूं?""इनकार नही कर
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हारा हुआ आदमी (भाग 40)
माया ने कहा तो दिया लेकिन उसे लगा।वह कुछ ज्यादा ही बोल गयी।अचानक बात करने का लहजा बदलते हुए माया बोली,"खून के रिश्ते के बीच शारीरिक संबंध से बचना चाहिए।औरत और आदमी के बीच खून का रिश्ता ...Read Moreतो उन्हें शारीरिक सम्बन्ध जोड़ने से बचना चाहिए।निशा दुनिया की नज़रों में मेरी बेटी है।लेकिन हमारे बीच खून का रिश्ता नही है।इसलिए अगर हमारे बीच की दूरी मिटती है तो कोई बुराई नही है।हमारा मिलन पाप नही है।""मैं आपकी बातों,आपके तर्को से बिल्कुल सहमत नही हूँ।,"देवेन, माया की बातों का विरोध करते हुए बोला,"रिश्ता चाहे खून का हो या सामाजिक रिश्ता तो
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हारा हुआ आदमी (भाग 41)
"रात का सन्नाटा।सर्द मौसम।रात को बंद कमरे में सिर्फ तुम और मैं।इस समय मैं अपने बेडरूम मेंबिस्तर पर अर्ध निर्वस्त्र पड़ी हूँ।"माया ने अंधेरे में तीर छोड़ा था।"अगर मैने शोर मचा दिया तो क्या होगा?""तो क्या होगा?"माया कक ...Read Moreसुनकर देवेन बोला।आसमान में जोर से बिजली चमकी थी।जिसका प्रकाश बेडरूम के खिड़कियों के शीशो को पार् करके अंदर चला आया।उस प्रकाश में देवेन ने देखा।माया ब्लाउज और पेटीकोट में बिस्तर पर है।पेटीकोट जांघो तक ऊपर है।"मेरी चीख सुनकर पड़ोसी दौड़े हुए चले आएंगे।मुझे इस हाल में देखकर लोगो को समझते हुए देर नही लगेगी।लोग क्या सोचेंगे जानते हो?"माया की बात
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हारा हुआ आदमी (भाग42)
माया की बातों ने देवेन को सोचने के लिए मजबूर कर दिया।माया जो कह रही है उसने सचमुच वह कर दिखाया तो?देवेन ने मन ही मन सोचा था।उसकी आवाज सुनकर पड़ोसी जरूर मदद के लिए दौड़े हुए चले आएंगे।और ...Read Moreअभी अर्ध निर्वस्त्र हालात में है।उसकी बात सुनकर लोग उसी की बात पर विश्वास करेंगे और वह बदनाम हो जाएगा।देवेन ने सोचा।जब उसकी पत्नी निशा को इस घटना का पता चलेगा तो वह भी उसे ही दोषी समझेगी।और वह पत्नी की नज़रो में गिर जायेगा।यह विचार मन मे आते ही वह हताश हो गया।उसने माया के आगे घुटने टेक दिए।न
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हारा हुआ आदमी (भाग 43)
"लो चाय पीओ" निशा ने एक कप पति को पकड़ा दिया।निशा चाय पीते हुए पति को रात के समाचार सुनाती रही।फिर चाय पीकर वह लिहाफ ओढ़कर लेट गयी।कुछ देर बाद ही उसे नींद आ गयी।उस दिन वे आगरा ...Read Moreरहे।देवेन ने एक बात नोट की।माया उसके सामने आने से बचती रही।अगर आमना सामना हुआ भी तो माया ने नज़रे झुका ली।शाम को ताज एक्सप्रेस से निशा और देवेन वापस दिल्ली लौट आये थे।ट्रेन लेट होने के कारण घर पहुंचते पहुंचते उन्हें बहुत देर हो गयी थी।"मुझे तो नींद आ रही है।"घर पहुंचकर निशा बोली।वह राहुल को लेकर बिस्तर में लेट
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हारा हुआ आदमी (भाग44)
माँ बन्नर पर हर औरत का ध्यान बच्चे पर ज्यादा रहता है।बच्चा उसके शरीर का अंश होता है। देवेन ने भी निशा में यह परिवर्तन महसूस किया था।निशा में परिवर्तन आने के बाद भी देवेन उसे पहले की ...Read Moreचाहता रहा।प्यार करता रहा।निशा से कभी शिकायत नही की।लेकिन माया ने जबरदस्ती उससे शारीरिक सम्बन्ध स्थापित करके उसे सोचने पर मजबूर कर दिया था।उसने निशा से ही शारिरिक सुख पाया था।इसलिए वह उसके बारे में ही सोचा करता था।उसके साथ हमबिस्तर होने का विचार ही मन मे आता था।लेकिन माया के शरीर को भोगने के बाद वह माया और निशा से
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हारा हुआ आदमी (भाग 45)
शारीरिक सम्बन्धो में एकरसता होने पर भी पति पत्नी के सम्बंध नही टूटते।लेकिन पश्चिम में ऐसा नही है।वहाँ सेक्स खेल है।मनोरंजन का साधन मात्र।वहा के लोग इसे मौज मस्ती का साधन मानते है।इसलिये शादी के बाद वे दूसरे से ...Read Moreशारिरिक सम्बन्ध जोड़ने को बुरा नही मानते।तन का स्वाद बदलते है।वैसे भी शादी पश्चिम में जीवन भर का बंधन नही है।तलाक वहां आम बात है।शादी के बाद सम्बन्धो में ठंडापन आ जाने पर बदलाव की चाहत होती है।विशेषत मर्द इसका ज्यादा इछुक होता है। इस बात को काम कला के मर्मज्ञ वात्स्यान अच्छी तरह जानते थे।इसलिये उन्होंने औरतो को कुछ ज्ञान की
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हारा हुआ आदमी (भाग 46)
एक नयापन नज़र आता।भले ही माया ,निशा से बड़ी थी लेकिन गर्मी भरपूर थी।रात को तो माया ने उसे जबरदस्ती सम्बन्ध बनाने को मजबूर किया था।लेकिन अब वह स्वंय इसके लिए लालायित था।देवेन अपने काउंटर पर बैठा था ...Read Moreचपरासी आकर बोला,"आपको मैनेजर साहिब बुला रहे है,""अच्छा।अभी आता हूँ"चपरासी उसकी बात सुनकर चला गया।"आपने बुलाया"।मैनेजर के चेम्बर में प्रवेश करते हुए देवेन बोला था।"हां"मैनेजर कोई पत्र पढ़ रहा था।वह नज़रे उठाकर बोला,"बाहर जाना है।""बाहर,"देवेन बोला,"बाहर कहां जाना है,?''आगरा जाना है।बैंक से कुछ ब्यौरा लाना है।"मैनेजर ने उसे काम के बारे में बताया था।आगरा का नाम सुनते ही देवेन को माया
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हारा हुआ आदमी (भाग 47)
"अरे नही।एक ही दिन की बात है।फिर काम से जा रहे हो,"निशा बोली,"मैं तो मजाक कर रही थी।"अच्छा तो मैं चलूं।"देवेन चलने को तैयार हुआ तो निशा बोली,"एक चीज भूल रहे हो।"निशा ने पति का हाथ पकड़ लिया ...Read Moreसोचते हुए बोला,"भुला तो कुछ भी नही।""अब यह भी याद नही क्या भूल रहे हो।"निशा फिर बोली तो उसने दिमाग पर जोर डाला लेकिन उसे याद नही आया था,"भुला तो मैं कुछ भी नहीं हूं।""मुझे दोष देते हो कि मैं पहले जैसी नही रही।लेकिन तुम भी पहले जैसे कहाँ रहे हो?"पत्नी की बात सुनकर देवेन चोंकते हुए बोला,"वो कैसे?""क्या तुम पहले
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हारा हुआ आदमी (भाग 48)
"अच्छा।माया बोली तो चाय तो बनाकर लाती हूँ।ठंड काफी है।"ममाया चाय बनाने के लिए किचन में चली गयी।देवेन ने कपड़े चेंज किये और पलँग पर आ बैठा।कुछ देर बाद माया चाय लेकर आयी।"लो चाय पीओ""आप नहीं लेंगी/"एक ही ...Read Moreदेखकर देवेन बोला था।देवेन चाय पी रहा था।तब वह वहां बैठकर निशा और राहुल के समाचार पूछती रही।देवेन ने चाय पी ली तब वह उठते हुए बोली,"तुम सो जाओ"।और वह दूसरे कमरे में चली गयी ।देवेन बिस्तर में लेट गया।वह सोचने लगा।माया के बारे में।उस रात भी आज जैसी ही ठंड थी।वह शादी में से लौट कर लिहाफ में घुस गया
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हारा हुआ आदमी (भाग49)
और उन्हें शादी न करने के फैसले पर पुनः विचार करना पड़ा।रोज कौन बेटी को रखता।उन्होंने अपने पंडित से कहा'बेटी की देखभाल के लिए कोई नही है।""आप शादी कर लो"।"आप कोई लड़की तलाशे जो बेटी की देखभाल भी कर ...Read Moreनज़र में है।""कौन है?""मेरे जजमान है दिनेशजी।उनके चार बेटी है। बड़ी बेटी शादी लायक है।आर्थिज सिथति सही नही है।देने लेने को कुछ नही है।""मुझे पैसा नही बेटी के लिए मां चाहिए""तो मैं बात चलता हूँ।"और पंडितजी ने बात चलायी।दिनेश के चार चार बेटी थी।कहां से लाएंगे दहेज।और वह माया की शादी राम प्रसाद से करने को तैयार हो गये।दूजे है
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हारा हुआ आदमी (भाग 50)
राधा ने अकेलेपन की तन्हाई को दूर करने के लिए घर मे टेप,टी वी,रेडियो,वी सी आर घर मे सब कुछ था।सुरेश कैसेट लाकर देता रहता था।राधा इनसे अपना अकेलापन दूर किया करती।उस दिन सुरेश जाने से पहले उसे ...Read Moreफिल्म की केस्ट दे गया था।राधा ने केस्ट वी सी आर में लगा दी।वह उसे चलाने वाली ही थी कि उसे माया का ख्याल आया और वह उसे जबरदस्ती अपने घर ले गयी।और माया के बैठते ही उसने फ़िल्म ऑन कर दी।यह एक विदेशी फ़िल्म थी।एक काला अफ्रीकी आदमी और गोरी औरत।और आदमी ने उस औरत को बुरी तरह पस्त कर
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हारा हुआ आदमी (भाग 51)
उस रात माया पर वासना का भूत सवार था और आज देवेन पर।उस रात माया,देवेन की कोई बात सुनने के लिए तैयार नही थी।आज देवेन, माया की कोई बात नही सुनना चाहता था।माया को देवेन से बचने का ...Read Moreही उपाय नज़र आया।वह बिस्तर से उठ गयी।"मैं भी उस रात आपके चुंगल से बचना चाहता था।इसलिए बिस्तर से उठ गया लेकिन आपने चीखकर लोगो को बुलाने का डर दिखाकर आपने मुझे वापस बिस्तर में लौट आने को मजबूर कर दिया था,"देवेन ने माया का हाथ पकड़कर वापस बिस्तर में खिंचते हुए कहा,"आज मुझे लोगो का डर नही है।आप चाहे तो
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हारा हुआ आदमी (भाग 52)
देवेन को अपनी सास माया के शरीर का ऐसा चस्का लगा कि उसे पत्नी बासी लगने लगी।वह हर समय माया के बारे में ही सोचने लगा।हर समय उसके ख्यालो में ही खोया रहने लगा।पराई औरत का चस्का एक बार ...Read Moreजाये तो फिर छूटता नहीं।अपनी पत्नी घर की मुर्गी दाल बराबर नज़र आने लगती है।जैसे दाल रोज खाते खाते आदमी ऊब जाता है और पकवान खाने का मन करता है।पराई औरत पकवान की तरह ही होती है।माया के शरीर का देवेन को ऐसा चस्का लगा कि निशा उसकी पत्नी उसे बासी लगने लगी।अब वह हर समय माया के बारे में
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हारा हुआ आदमी (भाग 53)
"दीवाली पर आगरा बुलाया है।"देवेन पहले निशा के साथ आगरा जाता था।माया से अवैध सम्बन्ध स्थापित होने के बाद अकेला आगरा जाने लगा।पहले निशा के बिना जाना पसंद नही करता था।अब निशा को साथ ले जाना पसंद नही करता ...Read Moreचिट्टी आयी थी।इसलिए पत्नी की बात सुनकर बोला,"तुम्हारा क्या इरादा है?""मुझे आगरा गए काफी समय हो गया है।मम्मी भी हमारे साथ दीवाली मनाना चाहती है।तो हम जरूर चलेंगे।"जब पत्नी जाना चाहती थी तो वह कैसे मना कर देता।वह भी उसके साथ जाने के लिए तैयार हक गया।दिवाली हिंदुओ का सबसे बड़ा त्यौहार है।दीवाली पर दो दिन की छुट्टी थी।उसने दो
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हारा हुआ आदमी (भाग 54)
निशा जाते समय जिस तरह दरवाजा छोड़ गई थी।वैसे ही दरवाजा भिड़ा था।निशा दरवाजा खोलकर अंदर आ गयी।रात को पर्स निशा ने बेडरूम में लटका दिया था।पर्स लेने के लिए वह बेडरूम में चली गयी।निशा बेडरूम में ...Read Moreतो उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई।उसने कभी स्वप्न में भी भूल से भी नही सोचा था।निशा बेड रुम का दृश्य देखकर दंग रह गयी।माया और देवेन आलिंगनबद्ध थे।इस दृश्य को देखकर निशा समझ गयी कि उनके सम्बन्ध सिर्फ सास दामाद तक ही सीमित नही रहे।उनके बीच अवैध शारिरिक सम्बन्ध स्थापित हो चुके है।और यह बात मन मे आते ही वह
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हारा हुआ आदमी (अंतिम किश्त)
निशा की खामोशी ने देवेन को झकझोर दिया।वह राहुल के साथ चली गयी थी।काफी देर बाद लौटी थी।उसको देखकर न देवेन की न ही माया की हिम्मत हुई थी कि उस से बात कर सके।निशा की खामोशी से देवेन ...Read Moreगया था कि यह तूफान आने का संकेत है।वहा से आते ही निशा अपने कपड़े जमाने लगी।उसे कपड़े जमाते देखकर देवेन की तो उससे कुछ पूछने की हिम्मत नही हुई।जैसे तैसे साहस कर कर माया उसके पास जाकर बोली,"यह क्या कर रही हो बेटी?""बेटी?"व्यंग्य से विद्रूप सा मुँह बनाकर निशा बोली,"बेटी नही सौतन कहो।""तुम गलत समझ रही हो।""आंखों से देख
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