बेनामी ख़त - 3

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( ये किसी एक के लिए नही है वल्कि हर उस इंसान के लिए है जिसने कभी जिंदगी में सच्ची मोहब्बत की है लेकिन अब वो उनके साथ नही है । इसका हर शब्द बिल्कुल आजाद है वो जहाँ चाहे वहाँ पहोच सकता है ओर जो चाहे वो ले सकता है । मैं उन लोगो से इसे समझने की उम्मीद नही करता जिसने अपना बचपन अपने माता पिता के साथ गुजारा है या फिर उन लोगो से जिसने कभी सच्ची मोहब्बत नही की । )Dear , Z ( जहाँ एक अंत होता है )कानों पे हेडफोन लागए है और उसमें