उपन्यास महाकवि भवभूति- रामगोपाल भावुक

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उपन्यास महाकवि भवभूति - समीक्षात्मक अध्ययन वेदराम प्रजापति ‘मनमस्त’ पद्मावती, पवाया पंचमहल डबरा भवभूति नगर का एक एतिहासिक और साँस्कृतिक वैभवशाली नगर रहा है, जिसने गालवऋषि की तपोभूमि को गौरवान्वित करने में अपना विशेष योगदान दिया है। यहाँ पर साँस्कृतिक भण्डारागार आज भी छुपे पड़े हैं जिनका यह क्षेत्र ऋणी है। यहाँ के वांग्मय साहित्य के पुरोधा, संस्कृत के महाकवि भवभूति आठवी सदी के काव्य साधक रहे हैं। आज का यह वैज्ञानिक युग है, विज्ञान की उपलव्धियाँ साहित्य के अतीत की वर्जना नहीं करती वल्कि ज्ञान का विस्तार ही करती हैं। साहित्य के विद्वान, वैज्ञानिक भले ही