भवभूति’ समीक्षात्मक टिप्पणी- महेश अनघ

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काव्य-प्रसूतिगृह का वास्तुविन्यास समीक्षात्मक टिप्पणी महेश अनघ लेखक रामगोपाल भावुक का सध्यः प्रकाशित उपन्यास ‘भवभूति’ हिन्दी उपन्यासों की क्षीण होती श्रृंखला में एक अलग तरह की उपस्थिति दर्ज कराता है। श्री भावुक मूलतः एक गद्य लेखक हैं और भवभूति उनकी पाँचवी प्रकाशित कृति है। विश्व प्रसिद्ध संस्कृत कवि भवभूति के जीवन चरित एवं रचना प्रक्रिया को रेखांकित करता हुआ यह उपन्यासरस एक साग्रह प्रस्तुति है। उपन्यास की रचना के पीछे जो मूल घ्वनि है, वह है भवभूति की कर्मभूमि पवाया और उसी के निकट ग्राम सालवई में लेखक का जन्म स्थान होना। ऐसी संयोगिक स्थिति में