पृथ्वी के केंद्र तक का सफर - 8

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चैप्टर 8 शिकारी - हमारा दिशानिर्देशक। उस दिन रिकिविक के पास शाम के वक़्त मैं लहरों के पास टहलने चला गया, लौटा तो अपने बिस्तर पर लेटा और लेटते ही सो गया। मेरी जब नींद खुली तो अगले कमरे से मौसाजी तेज़ आवाज़ में किसी से बात कर रहे थे। मैं तुरंत उठकर सुनने लगा। वो किसी लम्बे-चौड़े हरक्यूलिस जैसी शख्सियत से डैनिश भाषा में बात कर रहे थे। वो आदमी देखने से बहुत शक्तिशाली लगता था। चेहरे से मामूली, अनाड़ी और बड़े से सिर पर निकली हुई उसकी आँखें शातिर और तेज़ थी। इंग्लैंड के लाल रंग से ज़्यादा