पृथ्वी के केंद्र तक का सफर - 14

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चैप्टर 14 सफर की असली शुरुआत। हमारे सफर की असल शुरुआत तो अब हुई थी। अब तक हमने साहस और लगन से हर मुश्किल को पार कर लिया था। हम थके भी फिर भी बढ़े। अब हमारा सामना उन भयानक खतरों से होना था जिससे हम अनभिज्ञ थे।मैंने अभी तक भयानक कुण्ड में झाँकने की हिम्मत नहीं की थी जिसमें हमें उतरना था। आखिरकार वो समय आ गया जिससे मैं नहीं बच सकता था। मेरे पास अभी भी मौका था कि इस मूर्खतापूर्ण कार्य से मना कर दूँ या पीछे हट जाऊँ। लेकिन में हैन्स की हिम्मत के आगे लज्जित