कैसा ये इश्क़ है.... - (भाग 16)

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आज न जाने कैसी खामोशी का एहसास हो रहा है हमें जैसे कि कहीं कुछ सही नही है।आज श्रुति सात्विक भी नही दिखे हमें आये नही है क्या अब तक। या हम ही लेट हो गये हैं समय तो देखे जरा, कितना बज रहा है सोचते हुए अर्पिता अपने को ब्लिक कर उसमे समय देखती है तो सुबह के दस बज रहे हैं। हम ही लेट हो चुके हैं पांच मिनट।दोनो क्लास में होगे।नाराज होंगे तभी यहाँ नही रुके हैं नही तो ऐसा कभी नही हुआ कि अगर हम में से कोई नही आया तो उसके बिना क्लास में चला