गोस्टा तथा अन्य कहानियाँ-राजनारायण बोहरे

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समीक्षा - गोस्टा तथा अन्य कहानियाँ समीक्षक रामगोपाल भावुक कहानियाँ काल विशेष की धरोहर होतीं है। उन्हें जब हम पढ़ते हैं तो वर्तमान को सामने रखकर पढ़ना शुरू करते हैं। राजनारायण बोहरे का कथा संग्रह गोस्टा तथा अन्य कहानियाँ लम्बे समय से मेरे पटल पर हैं। बीच बीच में उसे पलटता रहा हूँ। संग्रह में बारह कहानियाँ समाहित हैं। संग्रह की सबसे पहली कहानी है ‘कुपच’। मंजुल को विकट भूख लगी है। वह अपने पिता से कहता है कि अभी तो आधा दिन रखा है और दो बजे