डायरी ::कल्पना से परे जादू का सच - 4

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4 "ऑलिव मुझे यहाँ से लोगों की बोलने की आवाज़ सुनाई दे रही थीं । कोई है, जो तुम्हारे पास था ?" राक्षसी ने पूछा। नहीं, तुम्हारे कान बज रहे होंगे, यहाँ कोई नहीं है। ऑलिव का ज़वाब था । राक्षसी सचमुच बेहद डरावनी लम्बे दांत और लम्बी पूँछ वाली थीं । उसने मुँह से एक फुँकार लगाई और कहा कि मेरे कान यूँ नहीं बज रहे यहाँ जो मेहमान आया है उसका पता मुझे चल ही जाएगा ।" इतना कहकर राक्षसी गायब हो गई और सभी बाहर आ ऑलिव से बातें करने लगे । "तुम उसी राजा की बेटी