इंसानियत - एक धर्म - 20

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मंद मंद मुस्कुराते हुए वकिल राजन पंडित ने रहस्योद्घाटन किया ” असलम की जमानत के पैसे जमा हो गए हैं । बस ! वो अभी रसीद लेकर आता ही होगा । ”राखी अचानक से चौंक गयी ” पैसे जमा हो गए हैं ? किसने दिए ? और ये ‘वो ‘ कौन है ? ”” रिलैक्स रिलैक्स बेबी ! अभी तुम्हारे हर सवाल का जवाब मिल जाएगा । बस थोड़ी धीरज रखो । सुनो ! अदालत कक्ष से बाहर आते हुए ही तुम्हारे पिताजी का फोन आया था । तुम्हारे बारे में जानना चाहते थे । यहां की पूरी खबर जानकर