छुट-पुट अफसाने - 9

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एपिसोड--9 एक-एक कर सब साथ चलते गए और कारवां बनता गया। यह भाईयों - बहनों और उनके बच्चों का जमघट जब कटनी के स्टेशन पर पहुंचा तो सब विस्फारित नेत्रों से वहां की बेरौनकी देख रहे थे कि किस उजाड़ में आ पहुंचे हैं।स्टेशन पर एक-दो औरतें दिखीं जिन्होंने बदन पर केवल एक ओढ़नी सी लपेटी हुईं थीं। न ब्लाऊज़ न पेटीकोट। हां आधे घूंघट में अवश्य थीं । मर्दों ने कमर में धोती को लंगोट जैसे पहना हुआ था । पंजाबियों के लिए यह अजूबा था।( ये ही वहां के गांवों में मूल निवासियों का पहनावा है ।) खैर,