साँझी छत- छाया सिंह

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आमतौर पर किसी का शुरुआती लेखन अगर पढ़ने को मिले तो उसमें से उसकी अनगढ़ता या सोंधी महक लिए कच्चापन स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है। मगर सुखद आश्चर्य के रूप में कई बार किसी का शुरुआती लेखन ही अपने आप में संपूर्ण परिपक्वता लिए मिल जाता है। दोस्तों..आज मैं बात कर रहा हूँ छाया सिंह जी के पहले कहानी संकलन "साँझी छत" की। 23 कहानियों के इस संकलन में उनके धाराप्रवाह लेखन को देख कर लगता है कि पूरी तैयारी के साथ साहित्य के क्षेत्र में उन्होंने अपना आगाज़ किया है। मानवीय संबंधों को ले कर साकारात्मक ढंग से लिखी गयी