इंसानियत - एक धर्म - 33

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” गलत कह रही है तू बदजात लड़की ! किसी इस्लामी जानकार ने उस क़ानून का इस्तकबाल नहीं किया । खुदा के कहर से डर नाफरमान लड़की ! तुझे इल्म भी है तू क्या फरमा रही है ? खुदा की शान में कोई भी गुस्ताखी यह खुदा का नेक बंदा सहन नहीं कर पायेगा । खुदाई इबारतें जो हमारे कुरान ए पाक में लिखी गयी हैं वो खुदा का हुक्म है इस दुनिया में रहनेवालों के लिए और वही फर्ज है इस दुनिया के हर सच्चे मुसलमान के लिए । हमारे जीने के सलीके हजारों साल पहले खुदावंद करीम अल्लाहताला