इंसानियत - एक धर्म - 38

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मुनीर बड़ी देर तक उस उद्यान की मखमली घास पर बैठा पुलिस की गिरफ्त में आने से बचने के उपाय सोचता रहा । वह कई योजनाओं पर विचार कर चुका था लेकिन उसे अपनी हर योजना में कोई न कोई खामी नजर आ रही थी । अंततः उसने काफी देर की सोच विचार के बाद यह तय किया कि सबसे पहले इस शहर से सही सलामत निकल लिया जाए ।उद्यान से निकलकर वह एक बार फिर सड़क पर आ गया और अनायास ही उसके कदम एक तरफ मुड़ गए । दिन के ग्यारह ही बजे होंगे लेकिन सूरज एकदम सिर