मन अदहन- मधु चतुर्वेदी

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अगर किसी कहानी या उपन्यास को पढ़ते वक्त आपको ऐसा लगने लगे कि..ऐसा तो सच में आपके साथ या आपके किसी जानने वाले के साथ हो चुका है। तो कुदरती तौर पर आप उस कहानी से एक जुड़ाव..एक लगाव..एक अपनापन महसूस करने लगते हैं। ऐसा ही कुछ मुझे इस बार महसूस हुआ जब मुझे मधु चतुर्वेदी जी का प्रथम कहानी संग्रह 'मन अदहन' पढ़ने का मौका मिला। यूँ तो इस किताब को मैं कुछ महीने पहले ही मँगवा चुका था लेकिन जाने क्यों हर बार अन्य किताबों को पहले पढ़ने के चक्कर में एक मुस्कुराहट के साथ इस किताब का