जोरावर गढ़ - भाग 2

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प्रिया - भोजन कर लीजिए। मैं - ठीक है राजकुमारी जी।प्रिया - मैं कुछ देर में आती हूं।मैं - ठीक है जी। मैंने भोजन कर लिया और हाथ मुंह धो कर सो गया। सुबह 4:00 बजे मेरी नींद खुली। नित्य कर्म से निवृत्त होकर व्यायाम, योगासन आदि कर के मैंने स्नानादि किया और नोटबुक पर फिर लिखने लगा। लगभग 8:00 बजे प्रिया कमरे में दाखिल हुई और बोली चलिए आपको अपनी लाइब्रेरी दिखा लाऊं। नाश्ता कर हम दोनों तैयार हो गए। प्रिया के साथ मैं लाइब्रेरी में पहुंचा। लाइब्रेरी एक लंबे चौड़े हॉल में थी। वहां सुंदर महंगी बडी -