ये उन दिनों की बात है - 25

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सागर की भी हालत दिव्या के जैसी ही थी | जो हाल दिव्या का था, वही हाल सागर का भी था | वो जब भी गली से गुजरता, उसकी आँखें दिव्या को ही ढूँढा करती | काश!!! के उसकी एक झलक मिल जाए | अक्सर यहीं मन में सोचता हुआ उसके घर की तरफ देखा करता और दिव्या के ना दिखने पर बेचैन हो उठता | अब इसे उन दोनों की बदनसीबी ही कहेंगे की जब दिव्या चाहती सागर उसे देखे, वो उसे ना देखता और जब सागर दिव्या को ढूंढ़ना चाहता वो उसे ना मिलती | दोनों की हालत