कोरोना से सामना (अंतिम भाग)

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और अंत मे मैं अस्पताल जाने को राजी हो गया"कैसे आना है"आपको लेने एम्बुलेंस जाएगी।आपको ठीक होते ही घर भेज दिया जाएगा।आपको छोड़ने भी एम्बुलेंस जाएगी।।आप बताये कब भेज दू एम्बुलेंस?"2 बजे,"मैं बोला,"और क्या लाना है मुझे?""कुछ ज्यादा नही।बेग में एक जोड़ी कपड़े रख ले।कुछ ड्राई फ्रूट्स।खाना हमारे यहां मिलेगा।आप चाहे तो घर से भी मंगा सकते है।"और हमने तैयारी शुरू कर दी।बेग में कपड़े।ड्राई फ्रूट्स।बिस्किट पानी की बोतल ।बेटी का फोन आया।मम्मी दो चद्दर जरूर रख देना।पत्नी दो दे रही थी।लेकिन मेने एक ही चद्दर बेग में रखी।दो बजे गए लेकिन एम्बुलेंस नही आई। और फिर तीन बजे एक