पावन ग्रंथ - भगवद्गीता की शिक्षा - 20

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अध्याय चौदह प्रकृति के तीन गुण अनुभव— दादी जी, कभी-कभी तो मुझे बहुत आलस आता है और कभी मैं बहुत सक्रिय (गतिशील,active)हो जाता हूँ ।ऐसा क्यों है? दादी जी— हम सभी कार्य करने के लिए अलग-अलग अवस्थाओं से गुजरते हैं ।ये अवस्थाएँ अथवा गुण तीन प्रकार के हैं । सतोगुण जो अच्छी अवस्था है । रजोगुण तीव्र कामना की अवस्था है । तमोगुण अज्ञान की अवस्था है । हम तीनों गुणों