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पांडव महाभारत के वे पाँच प्रसिद्ध वीर योद्धा थे, जिन्हें महाराज पांडु और कुंती क...
वेदव्यास अथवा 'व्यास' हिन्दुओं के प्रसिद्ध धार्मिक महाकाव्य 'महाभारत...
मंदोदरी का दूसरा विवाह सभी जानते हैं कि मंदोदरी महाबली रावण की पत्नी थी। उसके ती...
इंद्रप्रस्थ राजकुमार अर्जुन इस समय अपना धनुष हाथ में लिए सजग मुद्रा में खड़ा था। अर्जुन को सूचना मिली थी कि खांडवप्रस्थ के इस भयंकर वन में रक्षा नाग दैत्य और डाकू रहते हैं। आज अर्ज...
काशीवाले महाराज श्रीअनिरुद्धसिंहजी (करैया-दतिया) महान् धर्मात्मा थे। इनकी रानी का नाम विजयकुँवरि था। ये भी भगवद्भक्ता एवं पतिव्रता थीं। निरन्तर धर्माचरण-परोपकार के फलस्वरूप वि० संव...
भगवान् सूर्य की पत्नी संज्ञा से आपका प्रादुर्भाव हुआ है। आप कल्पान्त तक संयमनीपुरी में रहकर जीवों को उनके कर्मानुसार शुभाशुभ फल का विधान करते रहते हैं। ये पुण्यात्मा लोगों को धर्मर...
जन्मकर्मवयोरूपविद्यैश्वर्यधनादिभिः । यद् यस्य न भवेत्स्तम्भस्तत्रायं मदनुग्रहः ॥(सुन्दर कुल में जन्म, अच्छे कर्म, युवावस्था, सुन्दर रूप, अर्थकरी विद्या, बड़ा भारी ऐश्वर्य, विपुल धन...
इक्ष्वाकुवंशीय सम्राट् दिलीप के पुत्र ही भगीरथ नाम से विख्यात हुए। उनके पूर्वपुरुषों ने कपिल की क्रोधाग्नि से भस्मीभूत सगर पुत्रों का उद्धार करने के लिये गंगाजी को लाने की बड़ी चेष...
"नही साधु महाराज हम रास्ता नही भटके है"रास्ता नही भटके तो इस जंगल मे कोमल शरीर के बालक नंगे पैर क्यो भटक रहे हैं।"हम रास्ता नही भटके है?"फिर इस जंगल मे क्या कर रहे हैं?"हम किसी की...
इक्ष्वाकुवंश में राजा हरिश्चन्द्र नाम के चक्रवर्ती सम्राट् थे। उनके पुत्र का नाम रोहित था। रोहित से हरित का और हरित से चम्प का जन्म हुआ, जिसने चम्पापुरी बसायी। चम्प का सुदेव, सुदेव...
जब जब होइ धरम कै हानी। बाढहिं असुर अधम अभिमानी॥ करहिं अनीति जाई नहिं बरनी। सीदहिं बिप्र धेनु सुर धरनी॥ तब तब प्रभु धरि बिबिध सरीरा। हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा॥ असुर मारि थापहिं सुरन...
सृष्टि के प्रारम्भ में जब ब्रह्मा ने सनकादि पुत्रों को उत्पन्न किया और वे निवृत्ति परायण हो गये तब इन्हें बड़ा क्षोभ हुआ। इस क्षोभ के कारण ब्रह्मा रजोगुण और तमोगुण से अभिभूत हो गये...
उलूपी ऐरावत वंश के कौरव्य नामक नाग की कन्या थी। इस नाग कन्या का विवाह एक बाग़ से हुआ था। इसके पति को गरुड़ ने मारकर खा लिया, जिससे यह विधवा हो गयी थी।एक बार अर्जुन, जो प्रतिज्ञा भं...
कीचक महाभारत में विराट नरेश का साला तथा उनकी पत्नि सुदेष्णा का भाई था। वह अत्यधिक बलशाली और वीर सेनापति था, किंतु पांडु पुत्र भीम के हाथों उसका वध हुआ। कीचक क्षत्रिय पिता तथा ब्राह...
महाभारत में जयद्रथ सिंधु प्रदेश के राजा थे। जयद्रथ का विवाह कौरवों की एकमात्र बहन दुशाला से हुआ था। जयद्रथ वृध्दक्षत्र के पुत्र थे। वृध्दक्षत्र के यहाँ जयद्रथ का जन्म देर से हुआ था...
हिडिम्बा महाभारत में हिडिंब नामक राक्षस की बहन थी। भीम द्वारा हिडिंब का वध कर दिये जाने के पश्चात हिडिम्बा ने एक सुन्दरी का रूप धारण कर भीम से विवाह किया। हिडिम्बा के गर्भ से ही भी...
शिखंडी महाभारत के पात्रों में से एक है। महाभारत की कथानुसार, काशीराज की तीन कन्याओं में अंबा सबसे बड़ी थी। भीष्म ने स्वयंवर में अपनी शक्ति से उन तीनों का अपहरण कर अपने छोटे भाई विच...
महाभारत का मुख्य पात्र है। गांधारी का भाई है और दुर्योधन का मामा है। 'महाभारत' में शकुनि 'सुबलराज' के पुत्र, गान्धारी के भाई और कौरवों के मामा के रूप में चित्रित हु...
पांडव महाभारत के वे पाँच प्रसिद्ध वीर योद्धा थे, जिन्हें महाराज पांडु और कुंती के पुत्रों के रूप में जाना जाता है। महाभारत का अधिकांश घटनाक्रम पांडवों और कौरवों से ही सम्बन्धित है।...
वेदव्यास अथवा 'व्यास' हिन्दुओं के प्रसिद्ध धार्मिक महाकाव्य 'महाभारत' के रचयिता थे। वे उन घटनाओं के भी साक्षी रहे, जो क्रमानुसार घटित होती रहीं। हस्तिनापुर राज्य मे...
जनमेजय अर्जुन के पौत्र राजा परीक्षित के पुत्र थे। जनमेजय की पत्नी वपुष्टमा थी, जो काशीराज की पुत्री थी। बड़े होने पर जब जनमेजय ने पिता परीक्षित की मृत्यु का कारण सर्पदंश जाना तो उस...
परीक्षित पांडव अर्जुन के पौत्र तथा उत्तरा के गर्भ से उत्पन्न अभिमन्यु के पुत्र थे। ये पांडुकुल के प्रसिद्ध योद्धा थे। हस्तिनापुर इनकी राजधानी थी और ये एक सार्वभौम सम्राट तथा भागवतो...
शिशुपाल महाभारत कालीन चेदि राज्य का स्वामी था। महाभारत में चेदि जनपद के निवासियों के लिए आदिपर्व[1] में लिखा है- "चेदि जनपद के लोग धर्मशील, संतोषी ओर साधु हैं। यहाँ हास-परिहास में...
संजय महर्षि व्यास के शिष्य तथा धृतराष्ट्र की राजसभा के सम्मानित सदस्य थे। ये विद्वान गावाल्गण नामक सूत के पुत्र और जाति से बुनकर थे। वे विनम्र और धार्मिक स्वभाव के थे और अपनी स्पष्...
कुब्जा मथुरा के राजा कंस के दरबार की एक कुबड़ी दासी थी। यद्यपि वह कुबड़ी थी, लेकिन सौन्दर्य की धनी थी। वह महल में प्रतिदिन फूल, चन्दन तथा तिलक आदि ले जाने का कार्य किया करती थी। जब...
मंदोदरी का दूसरा विवाह सभी जानते हैं कि मंदोदरी महाबली रावण की पत्नी थी। उसके तीन पुत्र थे। मेघनाद, कुंभकरण और अंत्येक । राम-रावण युद्ध के बाद मंदोदरी युद्ध भूमि में गई। वह अपने...
वेदव्यास की महाभारत को बेशक मौलिक माना जाता है, लेकिन कहते हैं कि वह 3 चरणों में लिखी गई। पहले चरण में 8,800 श्लोक, दूसरे चरण में 24 हजार और तीसरे चरण में 1 लाख श्लोक लिखे गए। वेदव...
कालः द्वापरयुग जब पितामह ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया तब ब्रह्मा जी ने मृत्यु का प्रावधान नहीं किया था परिणाम स्वरूप सृष्टि का विस्तार होता गया क्योंकि इस संसार में जिसने जन्म...
अम्बा काशीराज इन्द्रद्युम्न की तीन कन्याओं में ज्येष्ठ कन्या अम्बा थी। भीष्म ने अपने दो सौतले छोटे भाईयों- विचित्रवीर्य और चित्रांगद के विवाह के लिए काशीराज की पुत्रियों का अपहरण क...
अंतिम भाग २५ अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या को राजकुमार वीरेन का खत मिला था उन्हों ने वह पढ़ा दूसरे दिन शादी थी इसलिए वह खत पढ़ कर सो गई अब आगे की कहानी देखते है। उन्हों ने अ...
भरद्वाज का वीर्य किसी द्रोणी में स्खलित होने से जिस पुत्र का जन्म हुआ, उसे द्रोण कहा गया। ऐसा उल्लेख भी मिलता है कि भारद्वाज ने गंगा में स्नान करती घृताची को देखा, आसक्त होने के का...
अम्बरीष इक्ष्वाकुवंशीय परमवीर राजा थे। यह भगीरथ के प्रपौत्र, वैवस्वत मनु के पौत्र और नाभाग के पुत्र थे। राजा अम्बरीष की कथा 'रामायण', 'महाभारत' और पुराणों में विस्त...
श्रीकृष्ण को हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देव...
घटोत्कच महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक है। कुंती के पुत्र भीम का राक्षस पुत्र घटोत्कच था। द्रौपदी के अतिरिक्त भीम की एक अन्य पत्नी का नाम हिडिंबा था, जिससे भीम का परमवीर पुत्र...
गांधारी गांधार देश के सुबल नामक राजा की कन्या थीं। क्योंकि वह गांधार की राजकुमारी थीं, इसीलिए उनका नाम गांधारी पड़ा। वह हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र की पत्नी और दुर्योधन आदि कौर...
द्रौपदी महाभारत में पाँच पांडवों की रानी थी। उसका जन्म महाराज द्रुपद के यहाँ यज्ञकुण्ड से हुआ था। अतः यह ‘यज्ञसेनी’ भी कहलाई। द्रौपदी पूर्वजन्म में किसी ऋषि की कन्या थी। उसने पति प...
Shiv Shakti️The Ultimate Reality is #Paramashiva or ShivaTattwa, and the nature of Shiva is Sacchidananda.#Parashakti or Shakti Tattwa refers to the lccha,Gyana & Kriya Shaktis, an...
खाटूश्याम बर्बरीक के रूप हैं। श्रीकृष्ण ने ही बर्बरीक को 'खाटूश्याम' नाम दिया था। भगवान श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार खाटू श्यामजी खाटू में विराजित हैं। वीर घटोत्कच और मौरवी को...
बर्बरीक महान पाण्डव भीम के पुत्र घटोत्कच और नाग कन्या अहिलवती के पुत्र थे। कहीं-कहीं पर मुर दैत्य की पुत्री 'कामकंटकटा' के उदर से भी इनके जन्म होने की बात कही गई है। इनके ज...
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