संस्कृत वांग्मय में धनुर्विज्ञान

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संस्कृत वांग्मय में उच्च कोटि के आध्यात्मिक ज्ञान के साथ ही उच्चतम विज्ञान के भी दर्शन होते हैं अति प्राचीन काल से शारीरिक शिक्षा का चरमोत्कर्ष धनुर्वेद विज्ञान में अंतर्निहित है यहां विज्ञान से तात्पर्य प्रयोग विज्ञान अथवा विशिष्ट ज्ञान से है। प्राचीन आर्यावर्त के आर्य पुरुष विभिन्न अस्त्र शास्त्र विद्या में निपुण थे उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान के साथ आततायिओ एवं दुष्टों का दमन करने के लिए विभिन्न अस्त्र शस्त्रों की भी सृष्टि की थी आर्यों की शक्ति धर्म स्थापना में सहायक होती थी न कि आतंक में । धनुर विज्ञान का इतिहास उतना ही प्राचीन है जितना कि वेदों