बेपनाह - 16

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16 “क्यों रहने दो भला, एक बार तुम यहाँ पर मेरे साथ कुछ खा लो फिर बार बार आने का मन करेगा।” “इनकी बात मान लेने के अलावा और कोई तरीका ही नजर नहीं आया।” “फ्राइड राइस और मंचूरियन मंगा लेते हैं।” “हाँ ठीक है !लेकिन एक प्लेट ही ऑर्डर करना मैं तुम्हारी प्लेट से ही शेयर कर लूँगी।“ “क्या यार, खाना तो सही से खा लिया करो।” “खाना वाकई बहुत कमाल का था ।” “ऋषभ सुनो, तुम अपने दोस्त के घर रुकोगे और खाना खाकर जा रहे हो तो वहाँ पर खाना नहीं खाओगे ? वो इंतजार कर रहा