औघड़ किस्से और कविताएँ-सन्त हरिओम तीर्थ - 2

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औघड़ किस्से और कविताएँ-सन्त हरिओम तीर्थ 2 एक अजनबी जो अपना सा लगा परम पूज्य स्वामी हरिओम तीर्थ जी महाराज सम्पादक रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कॉलोनी (डबरा) भवभूतिनगर जि0 ग्वालियर ;म0 प्र0 475110 मो0 9425715707, , 8770554097 मन मस्तिष्क में चलने वाले विचार की प्रतिध्वनि भी कहीं होती है। यह कहकर महाराज जी एक प्रसंग कहने लगे- सन्1951 ई0 चल रहा था। बात कलकत्ते की है। उन दिनों काम की तलाश में महाराज जी विरला के किसी अधिकारी के निवास पर गये थे। उस समय कमरे में कोई