नागमणि का अद्भुत रहस्य (भाग - 1)

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"सहारा अपने देश का, आज ख़ुद बेसहारा हूँ, दोष किसे अब दू इसका, अपने लालच का मारा हूँ।। -"उर्वी"️ ये एक एक शब्द इस कहानी को सार्थक करते है। ये कहानी है एक ऐसे आर्मी ऑफिसर की जो आदिवासी जाति से सम्बन्ध रखता था और अपनी मेहनत से उसने भारतीय आर्मी से जुड़ कर देश की सेवा करने का फैसला कर लिया था। रंजीत का सपना बचपन से देश के लिए कुछ कर गुजरने का था। गरीबी और भूख से लड़ने के बाद भी रंजीत के सपने कभी कमजोर नहीं पड़े। रंजीत का गाँव जंगल से काफ़ी करीब था