जन जातियों का पक्षधर है ‘एकलव्य’-डॉ. कामिनी

  • 4k
  • 2
  • 1.2k

शोषित जन जातियों का पक्षधर है ‘एकलव्य’ उपन्यास पुस्तक- ‘एकलव्य’ उपन्यास लेखक- रामगोपाल भावुक प्रकाशक- अनुभव प्रकाशन,ई.28 लाजपत नगर साहिबा बाद,गाजियाबाद-5 समीक्षक- डॉ. कामिनी पृष्ठ- 176 मूल्य- 200 रु प्रकाशन वर्ष-2011 ई0 डॉ. कामिनी प्राचार्य शा. महाविद्यालय सेंवढ़ामहाकवि भवभूति की कर्मस्थली सालवई में जन्मे बहुमुखी प्रतिभा के धनी रामगोपाल भावुक ने पंचमहल की माटी को गौरबान्वित किया है। मंथन, बागी आत्मा, रत्नावली,एकलव्य और भवभूति जैसे लोक प्रिय उपन्यास हिन्दी साहित्य की अभूल्य निधि हैं। एकलव्य उपन्यास में एकलव्य की वीरता की ऐतिहासिक कथा को हरिवंश पुराण से सूत्र लेकर लेखक ने अपनी कल्पना शक्ति से लोक कथाओं और जन श्रुतियों