तेरे मेरे दरमियां यह रिश्ता अंजाना - (भाग-3) - इश्क़ मोहब्बत

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अस्मिता का कमरा -- अस्मिता अपने घर मे बैठी थी मुँह फुलाए की उसके बाबा आते है। घनश्याम जी-" अरे बिटिया क्यू गुस्सा हो रही हो हमसे आप तो जानती हो वो हवेली वाले है हम जितना उनसे दूर रहे हमारे लिये उतना ही अच्छा है ।" अस्मिता-" तो बाबा हमेशा हम उनसे डरते रहे और उनसे दब कर रहे क्या।" घनश्याम जी-" बेटा यह तो सालो से होता हुआ आ रहा है और वो हवेली के लोग हम दक्षिणी टोले वालों को अपने पैरो की जुती ही समझते है ।" फिर कुछ देर बाद-" अच्छा तो आप जाओ अपने