तेरे मेरे दरमियां यह रिश्ता अंजाना - (भाग-12) - अस्मिता के बाबा को

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आदित्य का कमरा -- आदित्य अपने कमरे मे खिडकी से कुद कर आता है। आदित्य मुसकुराते हुये आइने के पास जाकर अपने बालों मे हाथ फेरने लगता है और अस्मिता का घबराता हुआ चेहरा याद कर हंसने लगा। आदित्य खूद से ही -" कितनी मासूम हो ना तुम यूं घबराने लगती हो।" आदित्य को अचानक कुछ याद आता है और वो मुडकर अपनी आलमारी खोल कुछ खोजने लगता है। कपडों को इधर उधर पलटने ले बाद एक छोटा सा डिब्बा निकाल उसे खोलता है। उसमे एक पैर की एकदम पतली सी पायल थी जिसे देख उसकी आँखे खूद ब खूद