धर्म से अंजान प्यार - 3

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मुझे कुछ भी समझ नही आ रहा था की ये मेरे साथ क्या हो गया। आज मैने कितने सपने बुने थे। कितनी खुश थी में एसा लग रहा था की मेरे साथ ये अचानक क्या हो गया। में घंटो वही बैठ के रोने लगी। फिर चारो तरफ मेरे गुम होने की अफवाह फैल गई। तब किसी तरह मेने खुद को संभाला और मै सब के पास आ गई और बोली की में आगे मेले में घूम रही थीं। फिर मैं सबके साथ घर चली गई।फिर अगली सुबह में उठी और स्कूल के लिय निकल पड़ी। और जब क्लास में पहुंची