दर्द माँजता है- रणविजय

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अमूमन जब भी हम किसी नए या पुराने लेखक का कोई कहानी संकलन पढ़ते हैं तो पाते हैं कि लेखक ने अपनी कहानियों के गुलदस्ते में लगभग एक ही तरह के मिज़ाज़..मूड..स्टाइल और टोन को अपनी कहानियों में बार बार दोहराया है जैसे कि किसी लेखक की कहानियाँ ट्रीटमेंट और विषय के हिसाब से आपको उदासी..अवसाद और निराशा से भरे मंज़र से हर पल रूबरू कराती चलेंगी। तो वहीं किसी अन्य लेखक की कहानियाँ अपने हल्के फुल्के सहज ढंग से आपका मनोरंजन कर बिगड़ी बातों को संभालती चलेंगी। किसी लेखक की कहानियों में आपको पल पल..हर पल गुदगुदाते रोमानी पल