छल - Story of love and betrayal - 3

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मैने जब फोन उठाया तो फोन पर तुम्हारे पिताजी ने कहा–"पुष्पा ...मैं आज नहीं आ सकता हूं, मुझे कुछ इमरजेंसी एरिया में जाना होगा, सॉरी...लेकिन मैं वादा करता हूं की मैं जल्दी आऊंगा" | " मैंने फोन रख दिया मेरे मन में बहुत सवाल और शिकायतें थी लेकिन मैंने नहीं की क्योंकि मैं जानती थी देश की सेवा और अपनी ड्यूटी उनके लिए सर्वोपरि थी और सही भी था । मैंने गुस्से में उनकी अलमारी से शराब की बोतल निकाली और पीने लगी, मेरी आंखों में उनका इंतजार अभी भी था । रात के दो बज चुके थे, मेरी आंखें नशे और नींद