आदित्य और अस्मिता दोनो रात के लगभग 9 -10 बजे तक आराम से मौसी के घर पहुंच गये थे। अस्मिता आदित्य को कुछ दुरी पर ही गाड़ी रोकने को बोलती है क्योकि अगर मौसी उसे किसी भी लड़के के साथ देखती तो यह बात किसी न किसी तरीके से उसके बाबा तक पहुच ही जाती । अस्मिता अपने मौसी के घर पर जाकर दरवाजा खटखटाती है लेकिन कोई उत्तर नही आता है। लगभग पाँच मिनट तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी कोई दरवाजा नही खोलता । अचानक अस्मिता का ध्यान दरवाजे की कुंडी पर जाता है जो की बाहर से