तेरे मेरे दरमियां यह रिश्ता अंजाना - (भाग -20) आदित्य- अस्मिता की

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आदित्य की हवेली -- हवेली मे आज पहले से कुछ ज्यादा ही चहल पहल थी।उधम सिंह और कामिनी देवी अपनी बेटी पन्कुडी के साथ आज लगभग 10 साल बाद आये थे। बड़े से शाही मेज पर सभी आदमी बैठे खाना खा रहे थे। और सबके साथ मे पन्कुडी भी क्योकि घर की बेटी जो थी। सभी औरते -- कामिनी देवी, राजेस्वरी देवी और ममता अभी नही खा रही थी। यह उनके यहां का रिवाज था घर के सभी आदमियों के खाने के बाद ही औरतों को अन्न ग्रहण करना चाहिये। उधम सिंह अपने कडक आवाज मे भान प्रताप से पूछता