हारा हुआ आदमी (भाग 52)

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देवेन को अपनी सास माया के शरीर का ऐसा चस्का लगा कि उसे पत्नी बासी लगने लगी।वह हर समय माया के बारे में ही सोचने लगा।हर समय उसके ख्यालो में ही खोया रहने लगा।पराई औरत का चस्का एक बार लग जाये तो फिर छूटता नहीं।अपनी पत्नी घर की मुर्गी दाल बराबर नज़र आने लगती है।जैसे दाल रोज खाते खाते आदमी ऊब जाता है और पकवान खाने का मन करता है।पराई औरत पकवान की तरह ही होती है।माया के शरीर का देवेन को ऐसा चस्का लगा कि निशा उसकी पत्नी उसे बासी लगने लगी।अब वह हर समय माया के बारे में