अय्याश--भाग(१०)

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विन्ध्यवासिनी अपने पति और सास की दशा देख देख कर परेशान हो रही थी और बराबर रोएं जा रही थी,उसे कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था कि इतनी रात को वो ऐसा क्या करें कि दोनों के प्राण बच जाएं और दूसरी तरफ दुष्ट मलखान विन्ध्यवासिनी को रोता देख मंद मंद मुस्कुरा रहा था।। और फिर कुछ ही देर में उसकी सास ने अपने प्राण त्याग दिए वो सास को लेकर रो ही रही थी कि इतने में उसके पति का दम भी निकल गया,पति को जाता देख वो खुद को रोक ना सकी और उसकी जोर से चीख निकल