कहानी प्यार कि - 15

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इस तरफ त्रिपाठी के परिवार मे भी हल्दी कि रस्म हो चुकी थी... हरदेव अपने कमरे में हल्दी लगाए अपने बदन को आइने मे देख रहा था.. और बार बार हल्दी वाले अपने गाल को छू रहा था... इस तरह करने से जैसे उसके शरीर मे कुछ सिहरन सी उठ रही थी... उसने तुरंत अपनी आंखे बंध कर ली... उसे पार्क मे बच्चो को गुब्बारे देती हुई .. हसती खिलखिलाती हुई संजना दिखाई दी... उसके लंबे खुले बाल .. उसकी उड़ती हुई एक लट .. पीला अनारकली ड्रेस और उसकी हवा से उड़ती हुई चुनरी.. जाने बगीचे में कोई सुंदर