कहानी प्यार कि - Novels
by Dr Mehta Mansi
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Hindi Novel Episodes
यह कहानी है थोड़ी भोली सी .. खूबसूरत सी हमारी प्यारी संजना और स्मार्ट , डेशिंग पर थोड़े से चुलबुले अनिरूद्ध कि जो एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करते है। पर एसा क्या हो जाता है कि अनिरूद्ध उसकी ...Read Moreसंजना कि सगाई के कुछ समय पहले ही अचानक गायब हो जाता है ? क्या अंजाम आएगा संजना और अनिरूद्ध कि यह प्रेम कहानी का ? या फिर इससे कोई नई प्यार की कहानी कि शुरुआत होने वाली है.. ये तो आपको कहानी पढ़ने के बाद ही पता चलेगा..तो मेरे साथ जुड़ी रहिए इस प्यारे से सफर में ...
PART- 1 सिंघानिया मेंशन में चारो तरफ भाग दौड़ मची हुई थी। सब इधर से उधर काम मे लगे हुए थे। घर को बहुत ही अच्छे से सजाया जा रहा था। रागिनी जी संजना तैयार हुई कि नहीं ये ...Read Moreके लिए संजना के कमरे में आई। पर कमरे में आते ही उनके गुस्से का ठिकाना ना रहा। " संजू ये सब क्या है... ? तुम अभी तक तैयार नहीं हुई ? " रागिनी जी ने चिल्लाते हुए संजना से कहा । पर संजना पर उनकी बातो का कोई असर नहीं हुआ । वो तो बस खुद में ही सिमटी
मीरा के कहने पर संजना नीचे होल मे आ गई । रागीनिजी : बेटा तुम दोनो बाजार जा कर कुछ सामान ले आओ.. अब शादी नजदीक है .. तो तैयारियां भी बहुत करनी है.. मीरा : हा आंटी .. ...Read Moreजा रहे है..संजना : मीरा प्लीज़ .. मेरा मन नहीं है..मीरा : इसलिए तो कह रही हूं .. बाहर जाके तुम्हारा मूड ठीक हो जाएगा .. चलो .. संजना : ठीक है चलो। दोनो सहेलियां बाजार तरफ जाने लगी। अचानक संजना को लगा कि कोई उसका पीछा कर रहा है। उसने पीछे मूड के देखा तो वहां पर कोई नहीं
शाम के करीब सात बजे थे। मोहित तैयार होकर कहीं जा रहा था। राजेशजी ने जैसे ही उसे बाहर जाते देखा तो रोक लिया।" अरे मोहित कहा जा रहे हो..? " " पापा मे कुछ काम से जा रहा ...Read More.. मुझे आते आते देर हो जाएगी.. मम्मा से कह देना खाने पर मेरा वेइट ना करे।" वो बोला और राजेश जी का जवाब सुने बिना ही वहा से चला गया। इधर त्रिपाठी निवास में जगदीशचंद्र किसी से फोन पर बातें कर रहे थे।" देखो कल कोई ग़लती नही होनी चाहिए। कल हमारी बहुत ही बड़ी डिल होने वाली है।
अगले दिन संजना सुबह सुबह मंदिर दर्शन करने के लिए निकल गई थी। मंदिर में उसने पूजा कि और प्रसाद चडा कर बाहर आई। वो सीढ़ियों से नीचे जा ही रही थी कि उसका पैर फिसला और वो गिरने ...Read Moreवाली थी कि किसीने आकर उसे पकड़ लिया। संजना ने डर से अपनी आंखें मींच ली थी। उस लड़के ने संजना की कमर से उसको पकड़ा हुआ था। " संजना जी अब एसे ही पूरे दिन मेरी बाहों मे रहने का इरादा है क्या.. ? " उस लड़के ने कहा। ये सुनते ही संजना एकदम से खड़ी हुई और उस
अनिरूद्घ ओब्रॉय संजना से मिलने के बाद सीधा अपनी ओब्रॉय फार्मा कंपनी के लिए निकल गया। ओब्रॉय फार्मा कंपनी दिल्ली कि जानीमानी कंपनी में से एक थी। अनिरूद्घ ओब्रॉय के इंडिया आने से पहले इस कंपनी को अनिरूद्ध के ...Read Moreअखिल मल्होत्रा संभालते थे.. जो अनिरूद्ध के पिता के दोस्त थे। अनिरूद्घ के इंडिया आने के बाद उसने इस कंपनी कि शाखा को और भी बड़े शहरों तक पहुंचाया था। आज वो इंडिया कि टॉप फार्मा इंडस्ट्री में से एक थी। अनिरूद्घ जैसे ही अपनी आफिस में पहुंचा.. तो शर्माजी दौड़ते हुए उसके पास आए.. " सर... आपको इतनी देर
हरदेव जल्दी से पार्क मे आया। उसके चेहरे पर अलग ही खुशी दिखाई दे रही थी। उसने देखा कि संजना पहले से ही वहा बैठी थी और कुछ परेशान सी लग रही थी। उसे परेशान देखकर हरदेव उसके पास ...Read Moreऔर उसके कंधे पर हाथ रखा... पर इस वजह से संजना अचानक से डर गई.. " रिलेक्स संजना में हूं..." हरदेव ने उसे डरा हुआ देखकर कहा। " ओह.. आई एम सोरी... हरदेव जी.." हरदेव संजना से थोड़ी दूरी बनाकर उसके पास बैठ गया। " तो बताइए आप ने मुझे एसे अचानक क्यों बुलाया..? " " वो... वो.. क्या है
अगले दिन सुबह जैसे अनिरुद्ध ने सोचा था वैसे ही उसकी तबीयत खराब हो गई थी। और वो मन ही मन खुद को कोस रहा था कि उसने क्यों ये चैलेंज लगाई। मेडिसीन लेने के बाद दोपहर तक उसकी ...Read Moreठीक हो गई थी। वो आइने के सामने गया और तैयार होने लगा। उसने एक रबर फेस मास्क निकाला और चेहरे पे पहन लिया । फिर तैयार होके बाहर चला गया। इस तरफ संजना के घर शादी कि तैयारियां हो रही थी। अब बहुत काम वक्त बचा था। एक दिन बाद शादी कि रस्मे शुरू होने वाली थी। संजना कि
अगले दिन कि सुबह संजना के घर चारो तरफ खुशियां ही खुशियां छाई हुई थी । " भैया जल्दी आइए ना हमे देर हो रही है .." संजना होल मे इधर उधर चलते हुए बोली जा रही थी। " ...Read Moreरहा हूं संजू .. अभी देर है उनको आने मे " मोहित नीचे आता हुआ बोला। " मोहित कितनी देर लगाता है तैयार होने मे ये कब से तेरी राह देख रही है " रागिनी जी भी बोल पड़ी थी। " हा मा आप लोग इतना ओवर रिएक्ट क्यों कर रहे है ? " मोहित परेशान हो गया था इन
अगले दिन सुबह किंजल सवेरे सवेरे ही तैयार होकर कहीं बाहर जा रही थी।" किंजल तू कहीं बाहर जा रही है क्या ? " संजना ने किंजल को बाहर जाते हुए देखा तो पूछ लिया।किंजल ये सुनते ही रुक ...Read Moreऔर पीछे मूड के उसके पास आई।" हा वो मेरी पुरानी सहेली है ना उससे मिलने जा रही हूं.. वो बहुत इंसीस्ट कर रही थी तो मैने सोचा एकबार मिलने चली ही जाती हूं.. " " अच्छा ठीक है पर जल्दी वापस आ जाना ..और अपना ख्याल रखना .. और गाड़ी से ही जाना " " हा हा .. गाड़ी
" किंजल ये तुम क्या बोल रही हो ? " संजना को कुछ समझ में नहीं आ रहा था किंजल कि कहीं बाते सुनकर।" अरे संजू कुछ नहीं... ये शाज़िया ना एसे ही बकवास करती रहती है .." " ...Read Moreक्या जानती नहीं कि तेरा जूठ मे यू पकड़ लेती हूं .. फिर भी तू मुझे जूठ कह रही है .. तू आ मेरे साथ " संजना उसे अपने साथ कमरे में लेकर गई.. किंजल भी मुंह नीचा करे उसके साथ आई.." चल अब पता करन कौन है .." " करन मेरा क्लासमेट था .." " क्या तू उसे पसंद
अनिरूद्ध सीधा घर पहुंचते ही सौरभ के पास गया.. सौरभ ने जैसे ही अनिरूद्ध को अपने पास आता हुआ देखा तो वो समझ गया की कुछ तो गड़बड़ हुई है.. " क्या हुआ भाई .. तूने संजना से बात ...Read Moreया नहीं ? " पर अनिरूद्ध ने उसका कोई जवाब नहीं दिया और वो सीधा बेड पर बैठ गया.." मतलब तू उसे नहीं बता पाया है ना..? " " हम..." अनिरूद्ध के मुंह से बस यही शब्द निकला..ये सुनते ही सौरभ भी उसके पास बैठ गया.." सुन .. किंजल संजना कि बहन है .." अनिरूद्ध धीमे से बोला.." हा तो..."
सुबह हो चुकी थी और संजना और किंजल अभी भी सो रही थी.." मोहित जा तो जरा दोनो बहनो को उठा के आ तो.. १० बजे पूजा है और अभी भी घोड़े बेच के सो रही है " रागिनी ...Read Moreबोली और फिर पूजा कि तैयारियों मे लग गई.." हा मम्मा.." मोहित संजना को उठाने उसके कमरे में गया। संजना को इतने सुकून से सोया हुआ देखकर मोहित का मन ही नहीं किया उसे उठाने का..वो धीमे से उसके पास बैठ गया..और धीमे से उसके सिर पर हाथ फेरने लगा..तभी फिर से रागिनी जी ने आवाज लगाई.. और अब मोहित
किंजल अनिरूद्ध को गुस्से से देख रही थी...और उसके हाथ में अनिरूद्ध का लिखा हुआ कार्ड भी था जिसे किंजल ने मरोड़ दिया था मुठ्ठी मे.." किंजल तुम यहां कैसे मतलब .. मैंने तो संजना को ये कार्ड .." ...Read Moreथोड़ा घबरा गया था.. किंजल को गुस्से में देखकर.." हा ये कार्ड मैने उठा लिया था.. तो..? तुम्हे कुछ काम था क्या संजना से ? " " हा वो वो मुझे कुछ कॉन्ट्रैक्ट के बारे में बात करनी थी इसलिए ..? " " हा तो फिर एसे चोरी छुपी उसे क्यों बुला रहे हो.. चलो वो कमरे में ही है
एक नई सुबह हो चुकी थी... आंखो मे एक खुशी कि चमक लिए सभी लोग.. तैयारियों में लगे हुए थे.. सिंघानिया मेंशन को फूलों से सजाया जा रहा था.. मोहित और उसके कजिन भाई डेकोरेशन और मंडप मुहूर्त कि ...Read Moreमे लगे हुए थे.. दूसरे रिलेटिव्स एस ओलवेज गपशप करने में लगे पड़े थे.. बच्चे इधर उधर भाग कर खेल रहे थे.. लड़कियां... रात के संगीत कि प्रेक्टिस मे मशगूल थी.. संजना , किंजल और मीरा तैयार हो रही थी.. इस तरफ सौरभ और दादी भी अनिरूद्ध के साथ आने के लिए तैयार हो रहे थे.." दादी आप का वहा
इस तरफ त्रिपाठी के परिवार मे भी हल्दी कि रस्म हो चुकी थी... हरदेव अपने कमरे में हल्दी लगाए अपने बदन को आइने मे देख रहा था.. और बार बार हल्दी वाले अपने गाल को छू रहा था... इस ...Read Moreकरने से जैसे उसके शरीर मे कुछ सिहरन सी उठ रही थी... उसने तुरंत अपनी आंखे बंध कर ली... उसे पार्क मे बच्चो को गुब्बारे देती हुई .. हसती खिलखिलाती हुई संजना दिखाई दी... उसके लंबे खुले बाल .. उसकी उड़ती हुई एक लट .. पीला अनारकली ड्रेस और उसकी हवा से उड़ती हुई चुनरी.. जाने बगीचे में कोई सुंदर
अनिरूद्ध होल मे से सीधा टेरेस पर चला गया.. संजना भी उसका पीछा करती हुई टेरेस पर आ गई.. " ये क्या हो गया था मुझे.. क्यों मे खुद को रोक नहीं पाता हूं.. पता नहीं उसकी आंखो मे ...Read Moreही क्यों भूल जाता हूं कि में अनिरूद्ध ओब्रॉय हूं .. अब ये जूठ मुझे खोखला करता जा रहा है .. संजना को सच बताने कि हिम्मत ही नहीं कर पा रहा हूं.. आज संगीत भी खत्म हो गया.. कल शादी है उसकी वो भी किसी और के साथ..! नहीं नहीं मुझे संजना को सब सच बताना ही होगा.. "
किंजल और सौरभ दोनो ही नीचे अनिरूद्ध और संजना को ढूंढ रहे थे.. मेहमान तो सभी सोने के लिए चले गए थे.. और किंजल ने रागिनी जी को कह दिया था कि संजू भी आराम करने के लिए अपने ...Read Moreमें चली गई है.. दादी भी यही रुक गई थी .. और सो भी गई थी.." यार ये सब गए कहा..? " सौरभ ने नीचे सब जगह देख लिया था पर कोई दिखे नहीं.." मैने ऊपर भी कमरे में देख लिया वहा भी नहीं है " किंजल बोली" अब तो मुझे लगता है दोनो साथ मे ही है कहीं और
अनिरुद्ध और किंजल संजना के कमरे के पास दीवाल के पीछे छुप गए.. मोहित अभी भी संजना के कमरे में था.." भाई तो अभी भी अंदर है ..." किंजल ने कमरे में झांकते हुए कहा.." तो तू कुछ करना ...Read Moreएसे खड़े खड़े तो मे अकेला भी देख सकता था.." " मुझे कुछ सोचने तो दे .." " मुझे सुबह तक यहां वेट नहीं करना है किंजल .." " सुबह तक क्यों ? " " अब तुम सोचोगी तब तक सुबह तो हो ही जाएगी.. " ये सुनकर किंजल अनिरूद्ध को गुस्से मै घूरने लगी.." अब जा ना...." अनिरूद्ध ने
" चलो बेटा ! बारात का समय हो गया है " जगदीशचंद्र ने हरदेव के पास आते हुए कहा.." हा चलिए पापा ..." हरदेव जाके अपनी घोड़ी पर चढ़ गया..." चलिए ... बजाइए....." जगदीशचंद्र ने कहा और बैंड वालो ...Read Moreबजाना शुरू किया...सभी लोग जूम जूम कर नाच रहे थे.. जगदीशचंद्र भी खुल कर नाच रहे थे.. उनके बेटे कि जो शादी थी..." बारात यहां से निकल चुकी है " कबीर ने फोन मे कहा.." ठीक है कबीर .. तुम हरदेव पर नजर रखना और उसके पीछे ही रहना ... " अनिरूद्ध ने कहा और फोन काट दिया..." बारात निकल
" ये सब झूठ है हमने एसा कुछ भी नहीं किया है ..." जगदीशचंद्र अब भी अपने किए पर पर्दा डालने कि कोशिश कर रहे थे..। " कितना जूठ बोलेंगे आप ... ये मत भूलिए कि सच कभी ना ...Read Moreतो बाहर आ ही जाता है ..." मोहित ने कड़क लहज़े मे कहा..." कैसा सच ? और सब क्यों मान ले कि तुम जो सब को बता रहे हो वो सच है ? " जगदीशचंद्र फिर से बोले.." तो क्या करे ... कि सब को हमारी बात पर यकीन आ जाए...? हा ... एक काम करते है सब को सबूत
अनिरूद्ध जगदीशचंद्र कि बात सुनकर परेशान हो गया था... पुलिस हरदेव और जगदीशचंद्र को लेकर चली गई... अनिरूद्ध को देखकर मोहित उसके पास आया " अनिरूद्ध .. में जानता हूं कि जगदीशचंद्र कि बात सुनकर तुम्हे धक्का लगा है ...Read Moreपर हमे एसे ही उसकी बातो पर विश्वास नहीं कर लेना चाहिए.. क्या पता वो बस हमे उलझाने के लिए ये सब बोल रहा हो..! हम शादी के बाद इस बारे में जरूर जानने की कोशिश करेंगे पर अभी तुम्हे तुम्हारी और संजू कि शादी पर फोकस करना चाहिए.." मोहित के कहने से अनिरूद्ध को थोड़ा सुकून मिला... वो भी