सपने - (भाग-3)

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सपने.....(भाग-3)आस्था के सिर पर लटकी शादी की तलवार पूरी तरह से हटी तो नही थी, पर शायद कुछ दिन का ब्रेक मिल गया है, इस बात को आस्था बखूबी समझती थी।सूरज कुमार नाम का खतरा ही टला है बस, ये ख्याल आस्था को जागने और शादी के झंझट से कुछ साल दूर रहने का उपाय सोचने के लिए उसके दिलो दिमाग में खींचतान चल रही थी......जब सोचते सोचते थक गयी तो अपनी सहेली स्नेहा माथुर का ख्याल आया और मुस्कुरा कर सोने की कोशिश करने लगी.....पर सोने से पहले स्नेहा को मैसेज करना नहीं भूली। सुबह नाश्ता करके उसके घर